Rani Kamlapati Railway Station: जब भी हम भारतीय रेलवे की बात करते हैं तो दिमाग में सरकार का नाम आता है। लेकिन भोपाल में एक ऐसा स्टेशन है जो पूरी तरह से प्राइवेट मॉडल पर चल रहा है। इस स्टेशन का नाम है रानी कमलापति रेलवे स्टेशन। यह स्टेशन भारत का पहला वर्ल्ड-क्लास स्टेशन है जिसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया गया है। इसका निर्माण और संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जा रहा है जिससे यह स्टेशन भारत में रेलवे के लिए एक नया आदर्श बन चुका है।
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं स्टेशन पर
रानी कमलापति स्टेशन को जर्मनी के हीडलबर्ग स्टेशन की तर्ज पर बनाया गया है। यहां यात्रियों को हवाई अड्डे जैसी सुविधा और आराम मिलते हैं। स्टेशन में 24×7 बिजली की सुविधा है, पूरी तरह एयर कंडीशन्ड लॉबी है, पीने के पानी की व्यवस्था है, हाई स्पीड एस्केलेटर और लिफ्ट, बड़े-बड़े शोरूम, गाड़ियों के शोरूम, एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, होटल और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी मौजूद हैं। यहां का विशाल पार्किंग क्षेत्र भी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

पर्यावरण के लिए भी नंबर वन
यह स्टेशन सिर्फ आधुनिक नहीं बल्कि पर्यावरण के लिए भी आदर्श है। ASSOCHAM द्वारा इसे GEM सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन में 5 स्टार रेटिंग दी गई है। इसका डिज़ाइन पूरी तरह हरित और इको-फ्रेंडली है। स्टेशन पर जल संरक्षण और उपयोग की पूरी योजना है और ‘जीरो डिस्चार्ज टेक्नोलॉजी’ लागू की गई है जिससे गंदा पानी बाहर नहीं निकलता बल्कि उसे साफ कर दोबारा उपयोग किया जाता है।
सौर ऊर्जा और वर्षा जल संरक्षण की पहल
स्टेशन में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा वर्षा जल संग्रहण (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) की भी व्यवस्था है जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है। ये सभी प्रयास इसे भारत का सबसे पर्यावरण मित्र स्टेशन बनाते हैं जो आने वाले समय में और स्टेशनों के लिए मिसाल बनेगा।
रेलवे का भविष्य यहीं से शुरू होता है
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आने वाले समय के रेलवे ढांचे की झलक देता है। निजी क्षेत्र की भागीदारी और अत्याधुनिक सुविधाएं यह दिखाती हैं कि रेलवे भी अब स्मार्ट और टिकाऊ विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह मॉडल अन्य स्टेशनों के लिए प्रेरणा बन चुका है और उम्मीद है कि भारत में और भी स्टेशन इस राह पर चलेंगे।

