भारत की राजधानी नई दिल्ली में 17 मार्च से रायसीना डायलॉग 2025 (Raisina Dialogue 2025) का शुभारंभ होगा। इस तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) करेंगे। यह भारत का सबसे प्रमुख भूराजनीतिक (Geopolitics) और भू-आर्थिक (Geo-economics) सम्मेलन है, जिसमें 125 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस वर्ष का आयोजन कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें वैश्विक सुरक्षा, कूटनीति और आर्थिक सहयोग से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
किन देशों के नेता होंगे शामिल?
इस बार के रायसीना डायलॉग में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लकसन (Christopher Luxon), अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड (US National Intelligence Director Tulsi Gabbard), और यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा (Ukrainian Foreign Minister Andrii Sybiha) सहित दुनिया के कई प्रमुख नेता भाग ले रहे हैं।
इसके अलावा, स्लोवेनिया, लक्जमबर्ग, लातविया, मालदीव, भूटान, स्वीडन, स्लोवाक रिपब्लिक, मॉरिशस, नॉर्वे, थाईलैंड, पेरू, घाना, हंगरी, एंटीगुआ और बारबुडा जैसे देशों के विदेश मंत्री भी इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। साथ ही, फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक ए. मनालो (Enrique A. Manalo) और क्यूबा के उप प्रधानमंत्री मार्टिनेज डियाज़ (Martinez Diaz) भी रायसीना डायलॉग में उपस्थित रहेंगे।
पहली बार ताइवान के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी की संभावित भागीदारी
इस वर्ष के आयोजन में ताइवान (Taiwan) का एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह भारत-ताइवान संबंधों में बढ़ती भागीदारी का संकेत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और ताइवान के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ा है, और यह सम्मेलन इस दिशा में एक और कदम साबित हो सकता है।
यूक्रेनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के मायने
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा (Andrii Sybiha) की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia-Ukraine War) को रोकने के लिए एक अस्थायी युद्धविराम (Temporary Ceasefire) की दिशा में काम कर रहा है। इस संदर्भ में उनकी भारत यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रायसीना डायलॉग का आयोजन कौन कर रहा है?
रायसीना डायलॉग का आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation – ORF) के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। यह सम्मेलन भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने और वैश्विक नेताओं के साथ नीतिगत संवाद बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
सम्मेलन के प्रमुख विषय
रायसीना डायलॉग 2025 में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:
- वैश्विक भू-राजनीति और सुरक्षा चुनौतियां (Global Geopolitical and Security Challenges)
- नवीन तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Emerging Technologies and Artificial Intelligence)
- जलवायु परिवर्तन और सतत विकास (Climate Change and Sustainable Development)
- वैश्विक व्यापार और आर्थिक सहयोग (Global Trade and Economic Cooperation)
- आतंकवाद और साइबर सुरक्षा (Terrorism and Cyber Security)
- भारत की विदेश नीति और वैश्विक रणनीति (India’s Foreign Policy and Global Strategy)
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री का संबोधन
रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लकसन (Christopher Luxon) मुख्य वक्ता (Keynote Speaker) होंगे। उनके भाषण में वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापारिक संबंधों और भारत-न्यूजीलैंड सहयोग पर चर्चा होने की संभावना है।
रायसीना डायलॉग का महत्व
रायसीना डायलॉग 2016 में शुरू हुआ था और तब से यह दुनिया के सबसे प्रभावशाली सम्मेलनों में से एक बन चुका है। यह सम्मेलन भारत को वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को मजबूत करने में मदद करता है और कूटनीतिक, आर्थिक एवं रणनीतिक मुद्दों पर संवाद को बढ़ावा देता है
रायसीना डायलॉग 2025 एक महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन है, जहां दुनिया के बड़े नेता और नीति निर्माता एक मंच पर आकर चर्चा करेंगे। भारत के लिए यह सम्मेलन अपने कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने और वैश्विक मामलों में अपनी भूमिका को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।