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Thursday, June 26, 2025
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PhonePe IPO: PhonePe लेकर आ रहा है $1.5 बिलियन का IPO, अगस्त में DRHP दाखिल की तैयारी!

PhonePe IPO: देश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में शामिल फोनपे अब आईपीओ लाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। कंपनी जल्द ही सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP दाखिल करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह प्रक्रिया अगस्त की शुरुआत में पूरी हो सकती है। फोनपे इस आईपीओ के ज़रिए करीब 1.5 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। इसके बाद कंपनी की वैल्यूएशन करीब 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। यह भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।

2023 में 12 बिलियन डॉलर की हुई थी वैल्यूएशन

फोनपे की ग्रोथ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कंपनी ने साल 2023 में भी 100 मिलियन डॉलर का निवेश जुटाया था। यह फंडिंग रिबिट कैपिटल, टाइगर ग्लोबल और टीवीएस कैपिटल फंड्स जैसी दिग्गज निवेश कंपनियों से आई थी। इस फंडिंग के बाद फोनपे की वैल्यूएशन 12 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी। अब कंपनी 15 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने की तैयारी में है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी भी इस प्लानिंग में कुछ बदलाव संभव हैं और बातचीत जारी है।

PhonePe IPO: PhonePe लेकर आ रहा है $1.5 बिलियन का IPO, अगस्त में DRHP दाखिल की तैयारी!

आईपीओ की कमान संभालेंगे बड़े खिलाड़ी

फोनपे के इस मेगा आईपीओ को संभालने की जिम्मेदारी देश और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी फाइनेंशियल कंपनियों को दी गई है। इसमें कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, जेपी मॉर्गन चेज, सिटीग्रुप और मॉर्गन स्टैनली जैसी नामचीन संस्थाएं शामिल हैं। इन कंपनियों का अनुभव और नेटवर्क फोनपे के आईपीओ को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह भारत में डिजिटल फिनटेक कंपनियों के लिए एक मिसाल बनने वाला कदम है।

UPI का बादशाह बना फोनपे

फोनपे की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह है उसकी पकड़ भारत के UPI सेगमेंट पर। कंपनी का दावा है कि उसके पास 61 करोड़ से ज़्यादा रजिस्टर्ड यूज़र्स हैं। हर दिन करीब 34 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन इसके प्लेटफॉर्म के ज़रिए होते हैं। भारत में होने वाले कुल UPI ट्रांजेक्शंस में से लगभग आधे फोनपे के माध्यम से होते हैं। गूगल पे इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है जबकि पेटीएम तीसरे स्थान पर आता है। फोनपे और गूगल पे मिलकर लगभग 80 प्रतिशत UPI बाजार पर कब्जा जमाए हुए हैं।

वॉलमार्ट की हिस्सेदारी बनी ताकत

फोनपे में अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट की हिस्सेदारी है जो इसकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के ज़रिए फोनपे में निवेश किया था और तब से यह कंपनी लगातार ग्रोथ की ओर बढ़ रही है। वॉलमार्ट का वैश्विक अनुभव और मजबूत पूंजी नेटवर्क फोनपे को बाकी भारतीय कंपनियों से अलग बनाता है। अब जब कंपनी सार्वजनिक होने जा रही है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजार से इसे कितनी प्रतिक्रिया मिलती है।

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