Personal Loan: अगर आपने पहले ऊंची ब्याज दर पर पर्सनल लोन लिया है और अब उसकी ईएमआई आपको भारी लग रही है तो सबसे पहला उपाय है लोन ट्रांसफर। आजकल कई बैंक और NBFC कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन दे रहे हैं क्योंकि RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। आप पुराने लोन को नई कम ब्याज दर वाली संस्था में ट्रांसफर कर सकते हैं जिससे आपकी मासिक किस्त कम हो सकती है। लेकिन ट्रांसफर से पहले प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेज का पूरा मूल्यांकन जरूर करें।
लोन की अवधि बढ़ाकर घटाएं ईएमआई का बोझ
अगर हर महीने की ईएमआई आपकी जेब पर भारी पड़ रही है तो आप लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं। जैसे ही आप समय सीमा बढ़ाते हैं वैसे ही आपकी मासिक किस्त घट जाती है और आपकी मौजूदा कमाई में राहत मिलती है। हालांकि ध्यान रखें कि अवधि बढ़ाने से ब्याज का कुल भुगतान बढ़ सकता है लेकिन यह अल्पकालिक राहत देने में सहायक होता है।
अतिरिक्त पैसे से करें प्रीपेमेंट और घटाएं मूलधन
अगर आपको बोनस या कोई अतिरिक्त आय मिली है तो आप उस पैसे से लोन का आंशिक प्रीपेमेंट कर सकते हैं। इससे आपका मूलधन घटेगा और आगे चलकर ईएमआई में भी कमी आएगी। कई बैंक शुरू के कुछ महीनों के बाद प्रीपेमेंट की सुविधा देते हैं। ICICI, HDFC और Yes Bank जैसे बैंक प्रीपेमेंट का विकल्प बिना भारी चार्ज के उपलब्ध कराते हैं।
स्टेप-डाउन ईएमआई प्लान अपनाएं
स्टेप-डाउन ईएमआई एक ऐसा विकल्प है जिसमें शुरूआत में ईएमआई थोड़ी ज्यादा होती है लेकिन धीरे-धीरे यह घटती जाती है। जैसे-जैसे आप मूलधन चुकाते हैं वैसे-वैसे किस्त का भार कम होता है। यह प्लान उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनकी आय धीरे-धीरे बढ़ती है। HDFC, Kotak और ICICI जैसे बैंक यह विकल्प देते हैं।
क्रेडिट स्कोर सुधारें और पाएं बेहतर ब्याज दर
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है यानी 750 से अधिक तो आपको पर्सनल लोन पर कम ब्याज दर मिल सकती है। इससे आपकी मासिक ईएमआई में स्वाभाविक रूप से कटौती हो सकती है। अगर आपने पहले ऊंची ब्याज दर पर लोन लिया है और अब आपका स्कोर सुधर गया है तो फिर से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं या बैलेंस ट्रांसफर करवा सकते हैं।