Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। पहले यह सत्र 12 अगस्त तक प्रस्तावित था लेकिन अब इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश करने और पारित कराने की तैयारी कर रही है। साथ ही विपक्ष भी सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है।
ये बड़े विधेयक होंगे पेश और पारित
इस बार के सत्र में जिन अहम विधेयकों के आने की संभावना है, उनमें मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2025, लोक न्यास (संशोधन) विधेयक 2025, आईआईएम (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भू-संपदा और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक 2025, खनिज और खदान विकास विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं।

ये विधेयक हो सकते हैं पारित
लोकसभा में जिन विधेयकों के पारित होने की संभावना है, उनमें गोवा की विधानसभा सीटों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 और आयकर विधेयक 2025 प्रमुख हैं। सरकार का जोर आर्थिक और संस्थागत सुधारों पर रहेगा।
विपक्ष भी है पूरी तैयारी में
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस सत्र में सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी जिसमें सरकार की रणनीति का जवाब देने पर मंथन हुआ। बिहार की मतदाता सूची में बदलाव, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत को लेकर दिए गए बयान जैसे मुद्दों पर विपक्ष हमलावर रुख अपना सकता है।
संसद सत्र में होगी राजनीति और नीति की टक्कर
एक ओर सरकार देश के विकास और संस्थागत मजबूती के लिए विधेयकों को पारित कराना चाहती है तो दूसरी ओर विपक्ष लोकतांत्रिक विमर्श को धार देने की तैयारी में है। ऐसे में संसद का यह मानसून सत्र बहस, टकराव और कई बड़े फैसलों का गवाह बन सकता है। सभी की नजर इस बात पर होगी कि आखिर कौन अपने तर्कों और रणनीति के बल पर बाज़ी मारता है।

