Odisha News: पुरी जिले के बैयाबर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की पर तीन अज्ञात बदमाशों ने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। यह घटना उस समय घटी जब लड़की अपने दोस्त के घर जा रही थी। अचानक तीन लोगों ने रास्ते में रोका और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना के तुरंत बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
गंभीर हालत में भुवनेश्वर एम्स में भर्ती
इस दर्दनाक हमले के बाद लड़की को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत को देखते हुए उसे एम्स भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की करीब 70% जल चुकी है और उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर है। फिलहाल डॉक्टरों की एक विशेष टीम उसकी निगरानी कर रही है। घटना ने एक बार फिर राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ବଳଙ୍ଗା ଅଂଚଳ ରେ କିଛି ଦୁର୍ବୁତ୍ତ ଏକ ପନ୍ଦର ବର୍ଷୀୟା ଝିଅ କୁ ରାସ୍ତା ରେ ପେଟ୍ରୋଲ ଢାଳି ନିଆଁ ଲଗାଇଦେବା ଖବର ଶୁଣି ମୁଁ ବ୍ୟଥିତ ଓ ମର୍ମାହତ। ଝିଅ କୁ ଭୁବନେଶ୍ୱର ସ୍ଥିତ AIIMS ହସ୍ପିଟାଲ କୁ ତୁରନ୍ତ ସ୍ଥାନାନ୍ତରିତ କରାଯାଇଛି ଓ ତାହାର ଚିକିତ୍ସା ର ସମସ୍ତ ବ୍ୟବସ୍ଥା କରାଯାଉଛି। ଚିକିତ୍ସା ର ସମସ୍ତ ଖର୍ଚ୍ଚ ସରକାର ବହନ କରିବେ।…
— Pravati Parida (@PravatiPOdisha) July 19, 2025
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने जताई नाराज़गी
ओडिशा की उप मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रवाती परिडा ने इस हमले पर गहरा दुःख और नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि घटना बेहद चौंकाने वाली है। सरकार पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। मंत्री ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
बालासोर की आत्मदाह की घटना भी ताजा
इससे पहले ओडिशा के बालासोर जिले में भी एक आत्मदाह की घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया था। वहां एक कॉलेज छात्रा ने अपने शिक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने से परेशान होकर खुद को आग लगा ली थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार की लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
पुरी और बालासोर की ये दोनों घटनाएं राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। जब नाबालिग लड़कियां और छात्राएं भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाएं कैसे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। पुलिस प्रशासन को अब सिर्फ जांच नहीं बल्कि कड़ी और तुरंत कार्रवाई करनी होगी ताकि दोबारा कोई इस तरह की हैवानियत करने की हिम्मत न जुटा सके।