Sonu Nigam का जन्म 30 जुलाई 1973 को हुआ था। वह उन चुनिंदा गायकों में से हैं जिन्होंने बचपन से ही संगीत से नाता जोड़ लिया था। केवल 4 साल की उम्र में उन्होंने मंच पर अपने पिता अगम निगम के साथ गाना शुरू कर दिया था। शादी और पार्टियों में गाकर उन्होंने संगीत की बुनियाद रखी। उनके पिता खुद भी अच्छे गायक थे और उन्होंने ही सोनू की प्रतिभा को संवारने में अहम भूमिका निभाई।
उस्ताद से सीखा संगीत, मुंबई में शुरू हुआ असली संघर्ष
सोनू निगम ने संगीत की शिक्षा प्रसिद्ध उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफा ख़ान से ली। 18 साल की उम्र में वे मुंबई आ गए और यहां संघर्ष का दौर शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में उन्हें ताने सुनने पड़े, कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 1997 में फिल्म ‘बॉर्डर’ का गीत ‘संदेसे आते हैं’ उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना और उन्हें देशभर में पहचान मिली।
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हिट गानों की लंबी लिस्ट, ऑटो-ट्यून से रखते हैं दूरी
सोनू निगम के करियर में एक से बढ़कर एक हिट गाने शामिल हैं। ‘अब ही मुझ में कहीं’, ‘मैं अगर कहूं’, ‘तेरे बिना’, ‘सूरज हुआ मद्धम’, ‘इश्क बिना’, ‘तुम ही देखो ना’, और ‘सन जरा’ जैसे गाने आज भी लोगों की प्लेलिस्ट का हिस्सा हैं। सबसे खास बात यह है कि आज की तकनीकी दुनिया में भी वे ऑटो-ट्यून का इस्तेमाल नहीं करते, वे शुद्ध और सच्चे सुरों के गायक हैं।
टीवी से मिली लोकप्रियता, संघर्ष ने बनाया मजबूत
सोनू निगम को ‘सा रे गा मा’ जैसे म्यूजिकल रियलिटी शो की मेजबानी से भी काफी प्रसिद्धि मिली। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुंबई में संघर्ष ने उन्हें अंदर से मजबूत बनाया। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि कई बार काम नहीं मिलने पर निराशा हुई, लेकिन कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, “गायक बना नहीं जाता, पैदा होता है।”
आलीशान जीवनशैली, फिर भी जमीन से जुड़े सोनू निगम
आज सोनू निगम करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। मुंबई में उनका दो मंजिला बंगला और दुबई में शानदार अपार्टमेंट है। लॉकडाउन के दौरान वे अपने परिवार के साथ दुबई में रहे और वहां से अपने व्लॉग्स के ज़रिए फैन्स से जुड़े रहे। उनके पास रेंज रोवर, मर्सिडीज जैसी कई लग्जरी कारें हैं, लेकिन उनका सादगी भरा अंदाज़ आज भी लोगों को पसंद आता है।