Myanmar-Thailand Border: भारत ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर क्राइम केंद्रों से 549 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया और उन्हें दो भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा स्वदेश लौटाया। ये भारतीय नागरिक धोखाधड़ी वाली जॉब ऑफर्स के शिकार हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत सरकार ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी का इंतजाम किया। इसी तरह, सोमवार को 283 भारतीय नागरिकों को भी वापस लाया गया।”
धोखाधड़ी से शिकार हुए भारतीय नागरिक:
जयस्वाल ने बताया कि ये भारतीय नागरिक मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से थे, जिनसे थाईलैंड या म्यांमार में झूठे नौकरी के प्रस्ताव दिए गए थे। बाद में उन्हें म्यांमार के म्यावाड़ी क्षेत्र में स्थित साइबर क्राइम केंद्रों में ले जाया गया, जहां उन्हें बंधक बना लिया गया था। भारतीय दूतावासों ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर इन नागरिकों की रिहाई के लिए काम किया और उन्हें उनके घर लौटाने का प्रयास किया।
भारत की कड़ी निगरानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी:
भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ को रोकने के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में यह जानकारी दी कि पिछले 13 महीनों में 2,601 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान गिरफ्तार किया गया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में बताया कि ये गिरफ्तारियां 1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 तक की गई हैं।
अक्टूबर में 300 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी:
2024 के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में 331 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया था, जबकि सितंबर में 300 और नवंबर में 310 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई थी। जनवरी 2025 में 176 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जो बीएसएफ की सतर्कता का परिणाम था। मई 2024 में केवल 32 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया, जो अन्य महीनों के मुकाबले सबसे कम था।
सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया गया:
गृह मंत्रालय ने बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सीमा सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए निगरानी बढ़ाने, जनशक्ति में वृद्धि और प्रौद्योगिकी का एकीकरण किया गया है। इनमें हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर, नाइट विजन डिवाइस, यूएवी, सीसीटीवी/PTZ कैमरे, आईआर सेंसर और असम के धुबरी में एक संपूर्ण इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) जैसे उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, सीमा पर निरंतर गश्त की जाती है और चेक पोस्ट, निगरानी पोस्ट और स्थानीय पुलिस तथा सीमा गार्ड बांग्लादेश (BGB) के साथ संयुक्त संचालन किए जाते हैं।
सुरक्षा उपायों के तहत तकनीकी सहायता:
भारत की सीमा सुरक्षा में तकनीकी सहायता के तहत हाथ में थर्मल इमेजर, नाइट विजन उपकरण, और ड्रोन (UAVs) का उपयोग किया जा रहा है। इन उपकरणों से रात के समय या खराब मौसम में भी सीमा पर सटीक निगरानी की जाती है। साथ ही, सीमा पर स्थित चेक पोस्ट और निगरानी केंद्रों को भी चौकस बनाया गया है, ताकि किसी भी घुसपैठी को समय रहते पकड़ा जा सके।
भारत की कड़ी सीमा सुरक्षा और विदेश मंत्रालय की सक्रिय भूमिका:
भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति बेहद सजग है और सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भी पूरी तरह से तत्पर है। विदेश मंत्रालय ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए भारतीय नागरिकों के बचाव में अहम कदम उठाए। म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ करीबी तालमेल से भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित की गई। यह कदम न केवल भारत के लिए, बल्कि भारत के साथ संबंध रखने वाले अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण है कि आपसी सहयोग से कठिन समस्याओं का समाधान संभव है।
भारत ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा से अपने 549 नागरिकों को बचाकर और बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ पर कड़ी निगरानी रखते हुए अपनी सुरक्षा नीतियों को मजबूत किया है। यह कदम न केवल नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अपनी सीमा सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर है।
भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्रालय ने सक्रिय रूप से काम किया है। इसी प्रकार, बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के नए उपायों के तहत घुसपैठ की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यह दर्शाता है कि भारत अपने क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों को गंभीरता से लेता है और अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।