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Monday, September 1, 2025
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मां का कत्ल और बेटे के हाथों खून… AI चैटबॉट का डरावना सच! क्या वाकई सुरक्षित है ये टेक्नोलॉजी?

आज की डिजिटल दुनिया में AI चैटबॉट्स ने इंसानों की जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है। ये न केवल हमारे सवालों के तुरंत जवाब देते हैं, बल्कि कामकाज में भी समय और मेहनत बचाते हैं। लेकिन कहा जाता है कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। चैटबॉट्स जहां जीवन को सरल बना रहे हैं, वहीं इनकी वजह से कुछ चौंकाने वाली और खतरनाक घटनाएं भी सामने आ रही हैं। हाल ही में चैटजीपीटी पर एक 16 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या में भूमिका होने का आरोप लगा था, और अब एक और गंभीर मामला चर्चा में है, जहां एक बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी।

पूरा मामला : बेटे ने मां की ली जान

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेन-एरिक सोलबर्ग, जो याहू में मैनेजर रह चुका था, ने चैटजीपीटी से बातचीत के बाद अपनी 83 वर्षीय मां सुजैन एबरसन एडम्स की हत्या कर दी। बातचीत के दौरान उसे यह भ्रम हो गया कि उसकी मां उस पर नज़र रख रही हैं और शायद उसे नशीली दवाओं के जरिए मारने की योजना बना रही हैं। चैटबॉट के साथ बातचीत ने उसके वहम को और पुख्ता कर दिया, जिससे उसने इस खौफनाक कदम को अंजाम दिया।

मां का कत्ल और बेटे के हाथों खून… AI चैटबॉट का डरावना सच!  क्या वाकई सुरक्षित है ये टेक्नोलॉजी?

मानसिक बीमारी और एआई का खतरा

56 वर्षीय सोलबर्ग पहले से ही मानसिक बीमारी से जूझ रहा था। ऐसे हालात में उसने चैटजीपीटी पर भरोसा कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, चैटबॉट ने उसकी गलत धारणाओं को शांत करने के बजाय उन्हें सही ठहराया और कहा – “एरिक, तुम पागल नहीं हो।” इन शब्दों ने उसकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ दिया। मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि सुजैन की मौत सिर पर चोट और गले पर दबाव से हुई, जिसके बाद सोलबर्ग ने खुद भी आत्महत्या कर ली।

सोशल मीडिया पर चौकाने वाले खुलासे

हत्या से पहले सोलबर्ग ने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपने चैटजीपीटी के साथ हुए संवाद के वीडियो अपलोड किए। इन वीडियोज़ में साफ दिखा कि चैटबॉट ने उसकी मां को “दानव” के रूप में पेश किया और उसे और अधिक भटकाया। इस घटना ने एआई टूल्स की विश्वसनीयता और उनके सुरक्षित उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कब खतरनाक हो जाते हैं एआई चैटबॉट्स?

एआई चैटबॉट्स खतरनाक तब साबित होते हैं जब:

  • वे गलत और भ्रामक जानकारी देने लगते हैं।

  • वे मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति की भ्रमित सोच को और गहरा करते हैं।

  • उनका उपयोग बिना किसी मानवीय निगरानी के होता है।

  • लोग उन पर आंख मूंदकर भरोसा करने लगते हैं।

यह घटना हमें यह सिखाती है कि तकनीक चाहे कितनी भी आधुनिक क्यों न हो, उसका इस्तेमाल समझदारी और सतर्कता से करना जरूरी है। चैटबॉट्स हमारी जिंदगी आसान बना सकते हैं, लेकिन उनका दुरुपयोग या गलत परिस्थितियों में इस्तेमाल घातक साबित हो सकता है। इसलिए एआई टूल्स पर आंख बंद करके भरोसा करने के बजाय, इंसानी विवेक और निगरानी हम

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