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Sunday, August 10, 2025
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Monsoon session of Parliament: विपक्ष के हंगामे से फिर बाधित हुई कार्यवाही! चौतरफा विरोध, स्थगन प्रस्ताव और नारेबाज़ी ने घेरा संसद का माहौल

Monsoon session of Parliament: आज संसद के मानसून सत्र का 13वां दिन है लेकिन कामकाज शुरू होते ही एक बार फिर विपक्ष के हंगामे ने दोनों सदनों को जकड़ लिया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भारी शोरगुल के चलते कामकाज नहीं हो सका। केवल ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर चर्चा के दौरान ही सदन शांतिपूर्वक चला जबकि बाकी समय विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।

राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित

राज्यसभा में आज जैसे ही कामकाज शुरू हुआ विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। ‘SAIR वापस लो’ और ‘चर्चा करो हटाओ नहीं’ जैसे नारों से सदन गूंज उठा। हालात बिगड़ते देख सभापति को कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में बड़े-बड़े बैनरों के साथ प्रदर्शन किया जिन पर लिखा था – Discussion Not Deletion

INDIA गठबंधन का एकजुट प्रदर्शन

विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने एकजुट होकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का मुख्य कारण बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई प्रमुख नेता ‘मकर द्वार’ के पास हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। यह विरोध SIR को लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़ बताते हुए किया गया।

स्थगन प्रस्तावों की बौछार

राज्यसभा में कई विपक्षी सांसदों ने अलग-अलग मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव दिए। कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता, समावेशिता और विश्वसनीयता पर चर्चा के लिए प्रस्ताव दिया। वहीं कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने SIR पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने SSC फेज-13 परीक्षा में अनियमितताओं और उनके प्रभावों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत प्रस्ताव दिया।

BRS सांसद ने उठाया गोदावरी-बनकचेरला परियोजना का मुद्दा

तेलंगाना से BRS सांसद के.आर. सुरेश रेड्डी ने राज्यसभा में गोदावरी-बनकचेरला परियोजना पर चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया। हालांकि हंगामे के माहौल में यह मुद्दा भी दब गया और इस पर कोई गंभीर चर्चा नहीं हो सकी। आज का दिन संसद में विरोध, आवाजाही और राजनीतिक टकराव का पर्याय बनकर सामने आया।

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