भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष Mallikarjun Kharge पर कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित कलबुरागी जिले के एक किसान का अपमान करने का आरोप लगाया है। भाजपा का दावा है कि खड़गे ने किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए उन्हें ताने दिए। भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया और कांग्रेस और खड़गे की आलोचना की। यह मामला राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है और इसे लेकर समाज में तीव्र प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
वीडियो में क्या देखा गया
मीडिया में सामने आए वीडियो में मल्लिकार्जुन खड़गे और किसान के बीच हुई बातचीत दिखाई दे रही है। खड़गे किसान से पूछते हैं, “आपने कितने एकड़ में बोवाई की?” किसान जब जवाब देता है “चार एकड़”, तो खड़गे कहते हैं, “मेरी चौबीस एकड़ है।” खड़गे ने कहा, “मेरा नुकसान तुम्हारे से ज्यादा है। तुम आकर मुझे बता रहे हो। तुम बता सकते हो लेकिन मेरा नुकसान तुम्हारे से ज्यादा है।” खड़गे ने आगे कहा, “यहां चुनाव प्रचार के लिए मत आओ। मुझे पता है। मूंग, उड़द और तूर सभी फसलें नष्ट हो गई हैं। तुम कम से कम इसे सहन कर सकते हो। हम नहीं सह सकते क्योंकि मेरा नुकसान बहुत बड़ा है। जाओ मोदी और शाह से पूछो।” इस बातचीत ने किसान समुदाय और राजनीतिक दलों के बीच गर्मी पैदा कर दी है।
Congress insults farmers!
Farmers who went to Mr Kharge, were asked to leave and said: " Stop coming to me for publicity"
Why does Congress & Rahul Gandhi hate our farmers so much? pic.twitter.com/QY4ZO65UYB
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) September 7, 2025
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद काफी नाराज़ है। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने खड़गे की आलोचना करते हुए लिखा कि कांग्रेस किसानों का अपमान करती है। उन्होंने कहा, “खड़गे से मिलने आए किसानों को यह कहकर भेज दिया गया कि चुनाव प्रचार के लिए मेरे पास मत आओ। कांग्रेस और राहुल गांधी हमारे किसानों से इतना क्यों नफरत करते हैं?” भाजपा ने इसे किसानों के मुद्दों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने के विरोध में एक गंभीर घटना बताया।
कांग्रेस के लिए राजनीतिक चुनौती
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी के सामने राजनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है। किसानों के हित में बात करने का दावा करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पर खुद किसानों के साथ आपत्ति जताने का आरोप लगना पार्टी के लिए नकारात्मक संदेश देता है। विपक्षी दल इस वीडियो का इस्तेमाल कांग्रेस की आलोचना और अपने राजनीतिक एजेंडे को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं। इस तरह के विवाद पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकते हैं और आगामी चुनावों में इसका असर पड़ सकता है।
किसानों और राजनीतिक संवाद का महत्व
किसानों के मुद्दे राजनीतिक दृष्टिकोण से हमेशा संवेदनशील रहे हैं। नेताओं के लिए जरूरी है कि वे किसानों की समस्याओं को समझें और उनका सम्मान करें। किसी भी तरह का अपमान या तंज किसान और जनता के बीच दूरियां बढ़ा सकता है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे किसानों के साथ संवाद को सकारात्मक बनाए रखें और केवल प्रचार के लिए मुद्दों का इस्तेमाल न करें। खड़गे और कांग्रेस के इस व्यवहार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नेताओं की जिम्मेदारी सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहती बल्कि उन्हें वास्तविक समस्याओं के समाधान पर भी ध्यान देना चाहिए।