हर वर्ष 10 नवंबर को विश्व सार्वजनिक परिवहन दिवस (World Public Transport Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को सार्वजनिक परिवहन के महत्व से अवगत कराना और उन्हें इसका अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है। यह दिवस 2005 में अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक परिवहन संगठन (UITP) द्वारा स्थापित किया गया था। आज के समय में बढ़ती ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। जब अधिक से अधिक लोग बस, मेट्रो, ट्रेनों और इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करेंगे तो प्रदूषण में कमी आएगी, सड़कों पर जाम कम होगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार
भारत में सार्वजनिक परिवहन का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। सरकार ने देश के कई बड़े शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार शुरू कर दिया है। इससे शहरी लोगों को तेज, किफायती और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिल रहा है। मेट्रो के विस्तार से न केवल यातायात की समस्या कम होगी बल्कि शहरों की वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इस पहल से यात्रा का समय भी कम होगा और लोगों की जीवनशैली बेहतर होगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
दूसरी बड़ी पहल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को सार्वजनिक परिवहन में शामिल करने की है। दिल्ली जैसे शहर जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार खतरनाक स्तर पर रहता है, वहां इलेक्ट्रिक बसें और अन्य वाहन प्रदूषण घटाने में मदद कर रहे हैं। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से न केवल हवा साफ होगी, बल्कि तेल की खपत और प्रदूषण के स्रोतों में भी कमी आएगी।
लास्ट-माइल कनेक्टिविटी और मल्टीमोडल सिस्टम
सार्वजनिक परिवहन की प्रभावशीलता के लिए केवल मुख्य मार्गों पर ध्यान देना ही पर्याप्त नहीं है। सरकार ने लास्ट-माइल कनेक्टिविटी यानी अंतिम पड़ाव तक यात्रियों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक कार्ट, बाइक शेयरिंग और छोटे वाहन सेवाओं को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, विभिन्न परिवहन माध्यमों जैसे बस, ट्रेन और मेट्रो को जोड़ने का भी प्रयास हो रहा है ताकि यात्रियों को एक सहज और निर्बाध यात्रा अनुभव मिल सके। यह मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम भारत के शहरी और ग्रामीण इलाकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
मॉबिलिटी-एज़-ए-सर्विस (MaaS) और स्मार्ट तकनीक का उपयोग
भारत में जल्द ही मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस (MaaS) की शुरुआत होने वाली है, जिसके तहत यात्रियों को सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म से भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम तकनीक का उपयोग करके परिवहन प्रणाली को और भी अधिक स्मार्ट, तेज और कुशल बनाया जाएगा। इससे न केवल यात्रा का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि प्रशासनिक कार्य भी आसान होंगे।

