Kling AI 2.0: चीन ने एक नई एआई तकनीक लॉन्च की है जिसका नाम KlingAI 2.0 है। इसे सबसे पहले जून पिछले साल पेश किया गया था और अब 10 महीने बाद इसे ग्लोबली लॉन्च कर दिया गया है। लॉन्च के साथ ही इसके यूज़र बेस ने 2 करोड़ 20 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी का दावा है कि यह एआई इंसानों जैसी भावनाएं और एक्सप्रेशंस ग्राफिक्स और वीडियो में दिखा सकती है।
वीडियो क्वालिटी में सब पर भारी
KlingAI 2.0 की सबसे बड़ी खासियत है इसकी बेहतरीन मोशन क्वालिटी और विजुअल सौंदर्य। इस एआई मॉडल ने लॉन्च से पहले कई मल्टी मैट्रिक्स टेस्ट पास किए हैं। इन टेस्ट्स में इसने दुनिया के बड़े एआई मॉडल्स को पीछे छोड़ दिया है। खास बात यह है कि यह टेक्स्ट से फोटो और वीडियो दोनों बनाने में माहिर है और इसकी वीडियो कैटेगरी में Arena ELO स्कोर 1000 है जो कि गूगल की Veo 2 और Pika Art से भी ज्यादा है।
इंटरएक्टिव वीडियो का नया दौर
इस एआई में Multi-Modal Visual Language यानी MVL सपोर्ट दिया गया है जिससे वीडियो न सिर्फ देखने लायक होते हैं बल्कि इंटरएक्टिव भी बन जाते हैं। मतलब अब एआई से बना वीडियो सिर्फ दिखावे का नहीं बल्कि संवाद कर सकने वाला हो गया है। यह तकनीक वीडियो को एक नया आयाम देती है और यूज़र को कंटेंट पर अधिक नियंत्रण मिलता है।
मास्टर एडिशन से मिलती है एडवांस कंट्रोल
KlingAI 2.0 के साथ एक Master Edition भी लॉन्च किया गया है। इस वर्जन में यूज़र को वीडियो और इमेज पर अधिक कंट्रोल मिलता है। यानी आप तय कर सकते हैं कि वीडियो में कौन क्या करेगा और कैसे दिखेगा। इसमें एडिटिंग की क्षमता भी है जिससे यूज़र अपने मन मुताबिक कंटेंट तैयार कर सकते हैं। इस एडिशन के जरिए कंटेंट क्रिएशन को एक नई दिशा मिल सकती है।
डेटा सुरक्षा को लेकर उठा बवाल
हालांकि इस एआई टूल को लेकर दुनिया के कई देशों में चिंता भी जताई गई है। डेटा सुरक्षा को लेकर कई देशों ने इस पर बैन लगा दिया है। चीन की तकनीकों को लेकर पहले भी ऐसे सवाल उठते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद KlingAI 2.0 का तेजी से बढ़ता यूज़र बेस इस बात की तरफ इशारा करता है कि लोग इसकी गुणवत्ता और उपयोगिता को नजरअंदाज़ नहीं कर पा रहे हैं।