Kisan Andolan 2.0: बुधवार को किसान आंदोलन 2.0 के तहत किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई। वार्ता के बाद पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार किए गए नेताओं में सर्वन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहार, जगजीत सिंह डल्लेवाल, मंजीत राय, काका सिंह कोटड़ा और सुखविंदर कौर शामिल हैं। किसान नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब और हरियाणा में तनाव का माहौल बन गया है।
शंभु और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाया गया
किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने हरियाणा-पंजाब सीमा पर स्थित शंभु और खनौरी बॉर्डर को खाली करा दिया। पिछले 13 महीनों से यहां किसान धरने पर बैठे थे, लेकिन अब पुलिस ने धरने को खत्म कर दिया। प्रदर्शनकारियों के तंबू और आश्रय स्थल को हटा दिया गया। बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
विपक्ष ने किया विरोध, आप पर साधा निशाना
किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को घेरा। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने सरकार की इस कार्रवाई को “कायरता भरा कदम” बताया।
#WATCH | Taran Taran, Punjab | After protesting farmers removed from Shambhu and Khanauri borders, Satnam Singh Pannu of Kisan Mazdoor Sangharsh Committee says, “We condemn the action against farmers by the Bhagwant Mann government in collaboration with or on the orders of the… pic.twitter.com/ZAzRMl7Xoj
— ANI (@ANI) March 20, 2025
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने वार्ता के बहाने किसान नेताओं को बुलाकर गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूरे पंजाब के किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। पंजाब के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।”
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि यह कार्रवाई किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार का यह कदम लोकतंत्र का अपमान है। सरकार को किसानों को तुरंत रिहा करना चाहिए।”
भाजपा ने भी आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी आप सरकार को घेरा। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों और केंद्र सरकार के बीच हो रही वार्ता को खराब करने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है, लेकिन पंजाब सरकार जानबूझकर बातचीत को पटरी से उतारने का प्रयास कर रही है। भगवंत मान सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है।”
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले तीन दिनों से पंजाब में कैंप कर रहे हैं और किसानों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
अकाली दल ने भी की निंदा
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को धोखे से गिरफ्तार किया है। हरसिमरत कौर बादल ने कहा, “पंजाब सरकार किसानों की आवाज को कुचलने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान इसका करारा जवाब देंगे।”
किसानों ने माणावाला टोल प्लाजा किया बंद
किसान नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने माणावाला टोल प्लाजा को बंद कर दिया। किसानों ने कहा कि जब तक उनके नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, वे टोल प्लाजा को बंद रखेंगे और अपना विरोध जारी रखेंगे। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन वे झुकने वाले नहीं हैं।
केंद्र और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध
किसान आंदोलन 2.0 के तहत किसान केंद्र सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, कर्ज माफी और बिजली दरों में राहत शामिल है। हालांकि, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी वार्ता अब तक बेनतीजा रही है।
कांग्रेस का आरोप: आप सरकार भाजपा की कठपुतली
कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भाजपा की कठपुतली करार दिया। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “भगवंत मान सरकार केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। पंजाब सरकार ने भाजपा के कहने पर किसान नेताओं को गिरफ्तार किया है। इससे साफ हो गया है कि आप और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।”
किसान संगठनों की चेतावनी: आंदोलन और तेज होगा
किसान संगठनों ने साफ कहा है कि यदि उनके नेताओं को रिहा नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि वे किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
किसान आंदोलन 2.0 के तहत केंद्र और किसान संगठनों के बीच जारी वार्ता के बीच किसान नेताओं की गिरफ्तारी ने पूरे पंजाब में उबाल ला दिया है। विपक्षी दलों ने भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा है और किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार इस मसले को कैसे सुलझाती हैं।