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Tuesday, July 8, 2025
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केरल सरकार की मेहमान बनी जासूस? Jyoti Malhotra की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

Jyoti Malhotra: हरियाणा की 33 वर्षीय फेमस व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ज्योति का नाम सामने आते ही सोशल मीडिया और पर्यटन जगत में हलचल मच गई है। एक व्लॉगर के तौर पर उसकी पहचान थी लेकिन अब उसे देशविरोधी गतिविधियों में शामिल बताया जा रहा है। ये गिरफ्तारी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक बड़े जासूसी नेटवर्क के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा है।

केरल सरकार की मेहमान, अब देशद्रोह के आरोप में घिरी

ज्योति मल्होत्रा को कुछ समय पहले केरल सरकार ने अपने पर्यटन प्रचार अभियान के तहत आधिकारिक रूप से आमंत्रित किया था। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि केरल सरकार ने उनके पूरे ट्रैवल, स्टे और भ्रमण का खर्च उठाया था। वह ‘इंफ्लुएंसर प्रोग्राम’ के तहत केरल के कई खूबसूरत स्थानों जैसे कोझिकोड, मुन्नार, कोच्चि, अलप्पुझा और कन्नूर की यात्रा पर गई थीं। वहां से उन्होंने अपने व्लॉग के जरिए केरल की सुंदरता को दुनिया तक पहुंचाया।

केरल सरकार की मेहमान बनी जासूस? Jyoti Malhotra की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

 पाकिस्तान से रिश्ते और खुफिया एजेंसियों से जुड़ाव

पिछले कुछ महीनों से ज्योति पर पाकिस्तान की यात्राओं और वहां की खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से संबंध होने के आरोप लगते रहे हैं। जांच में सामने आया है कि वह पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी से लगातार संपर्क में थीं। भारत सरकार ने उस अधिकारी को देश से निष्कासित भी कर दिया है। यह संपर्क केवल सामाजिक नहीं बल्कि संवेदनशील सूचनाओं के आदान-प्रदान से जुड़ा माना जा रहा है।

एक बड़े जासूसी रैकेट का हिस्सा?

ज्योति अकेली नहीं हैं। वह उन 12 लोगों में से एक हैं जिन्हें एक खुफिया नेटवर्क का हिस्सा होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। यह नेटवर्क सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को निशाना बनाकर खुफिया जानकारियां एकत्र करता था। ज्योति का यूट्यूब चैनल ‘Travel with Joe’ भी अब जांच के घेरे में है। माना जा रहा है कि इसी चैनल के ज़रिए सूचनाएं एकत्र की जाती थीं या भेजी जाती थीं।

 सवालों के घेरे में सरकारी योजनाएं और सुरक्षा तंत्र

इस पूरे मामले ने न केवल ज्योति की साख को झटका दिया है बल्कि सरकारी योजनाओं और सुरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी इंफ्लुएंसर को बिना पृष्ठभूमि जांच के ऐसे आधिकारिक अभियानों में शामिल करना सही है? अब इस मामले में जांच एजेंसियां पूरी पड़ताल कर रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस नेटवर्क के बाकी पहलुओं से भी पर्दा उठेगा।

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