DeepSeek एक चीनी कंपनी द्वारा बनाया गया AI आधारित चैटबॉट ऐप है जो कम कीमत में ChatGPT जैसे फीचर्स देने का दावा करता है। इसमें सस्ते NVIDIA चिप्स का इस्तेमाल किया गया है जिससे इसकी लागत भी कम है। इसी वजह से यह ऐप तेजी से लोकप्रिय हुआ और दुनियाभर में लाखों डाउनलोड्स हासिल किए। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग इसे प्रयोग कर रहे हैं।
जर्मनी ने क्यों उठाया सख्त कदम
जर्मनी की डेटा सुरक्षा आयुक्त माइक कैंप ने DeepSeek पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह ऐप चुपचाप यूज़र्स का डाटा चीन भेज रहा है जो यूरोपीय यूनियन के कड़े GDPR कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस डाटा तक चीनी सरकार की भी पहुंच हो सकती है जो यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा है। इसी वजह से जर्मनी ने Apple और Google को इसे अपने स्टोर से हटाने का आदेश दिया।
भारत के लिए क्या है खतरे की घंटी
भारत पहले ही TikTok, PUBG और Free Fire जैसे कई चीनी ऐप्स को बैन कर चुका है। DeepSeek को लेकर जर्मनी की आपत्ति भारत को भी सतर्क कर सकती है। यदि यह ऐप भारत में भी यूज़र्स का डाटा चीन भेज रहा है तो सरकार की ओर से इस पर जल्द कार्रवाई संभव है। भारत में भी डाटा सुरक्षा पर कड़ा कानून लाने की दिशा में काम चल रहा है।
यूज़र्स के लिए क्या है चेतावनी
यदि आप भी DeepSeek जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरूरी है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी ध्यान से पढ़ें। ऐसे ऐप्स को अपने फोन में इंस्टॉल करने से पहले यह जानना जरूरी है कि वह आपका कौन-कौन सा डाटा एक्सेस कर रहा है। संवेदनशील जानकारी जैसे कि चैट हिस्ट्री, लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स आदि अगर चीनी सर्वर पर जा रहे हैं तो यह बड़ा खतरा बन सकता है।
क्या भारत में हो सकता है बैन?
जैसे ही यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछला है वैसे ही भारत सरकार के साइबर विभाग भी इसकी जांच में लग सकते हैं। भारत पहले भी देश की सुरक्षा और प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हुए चीनी ऐप्स पर बैन लगा चुका है। ऐसे में DeepSeek के भविष्य पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सरकार आने वाले दिनों में इस ऐप पर निगरानी बढ़ा सकती है।