अगर आपके कंप्यूटर की स्पीड अचानक धीमी हो जाती है या सिस्टम बार-बार हैंग करता है तो अब आपको अलग-अलग कारणों की खोज में नहीं भटकना पड़ेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज़ 11 में एक नई टेस्टिंग फीचर लॉन्च की है जो खुद से पता लगाएगी कि आपके सिस्टम की परफॉर्मेंस क्यों कमजोर हो रही है। यह फीचर खासतौर पर उन यूज़र्स के लिए बनाया गया है जो अक्सर सिस्टम की धीमी रफ्तार से परेशान रहते हैं।
फीडबैक हब से जुड़ेगा ऑटोमैटिक लॉगिंग सिस्टम
विंडोज़ 11 के इंसाइडर बिल्ड में यह नया फीचर “Automatic Logging System” के नाम से लाया गया है। इसका काम यह है कि जैसे ही कोई यूज़र फीडबैक हब में यह रिपोर्ट करता है कि सिस्टम स्लो चल रहा है तो उसी समय का रियल टाइम परफॉर्मेंस लॉग अपने आप कलेक्ट हो जाएगा। इससे माइक्रोसॉफ्ट को तुरंत यह जानने में मदद मिलेगी कि उस समय कौन-सी समस्या चल रही थी और उसका हल क्या हो सकता है।
विंडोज़ 11 की प्रदर्शन से जुड़ी पुरानी शिकायतें
विंडोज़ 11 जब अक्टूबर 2021 में लॉन्च हुआ था तब से ही कई यूज़र्स इसकी धीमी स्पीड की शिकायत करते आए हैं। नए CPU पर गेमिंग का खराब प्रदर्शन हो या अलग-अलग हार्डवेयर पर असमान परफॉर्मेंस हो, यूज़र्स अक्सर इसे विंडोज़ 10 से धीमा मानते हैं। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने समय-समय पर टास्कबार, नोटिफिकेशन और क्विक सेटिंग्स को बेहतर किया है लेकिन अब वह समस्या की जड़ तक पहुंचना चाहता है।
अब अपडेट से पहले होगी बग की जांच
2024 में आए 24H2 अपडेट ने पुराने डिवाइसेज पर भी बेहतर परफॉर्मेंस दी थी। अब माइक्रोसॉफ्ट 25H2 अपडेट की तैयारी में है जिसमें और भी बड़े बदलाव होंगे। ड्राइवर डिवेलपर्स को अब स्टैटिक एनालिसिस करनी होगी जिससे किसी भी बग को पहले ही पकड़ लिया जा सकेगा। इसका मतलब है कि अब यूज़र को पहले से ज्यादा स्थिर और तेज़ परफॉर्मेंस मिलने की संभावना है।
यूज़र के अनुभव को बनाएंगे और स्मूद
माइक्रोसॉफ्ट अब विंडोज़ 11 की कोर इंटरफेस को और रिस्पॉन्सिव बनाने पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि यूज़र को फ्रीज या लैगिंग जैसी समस्याएं कम से कम झेलनी पड़े। साथ ही जब भी कोई यूज़र समस्या रिपोर्ट करता है तो उसी समय की सभी तकनीकी जानकारियां खुद से कलेक्ट हो जाएंगी जिससे सही समाधान तेजी से निकाला जा सकेगा।