IndiGo Crisis: देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो (IndiGo) हाल ही में आए गंभीर परिचालन संकट के बाद अब हालात को काबू में करने और दोबारा मजबूती के साथ आगे बढ़ने की कोशिश में जुटी है। दिसंबर की शुरुआत में उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने से कंपनी की छवि और यात्रियों का भरोसा दोनों को झटका लगा था। अब इंडिगो प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि उनका फोकस सिर्फ तात्कालिक समस्याओं को सुलझाने पर नहीं, बल्कि इस संकट के पीछे की जड़ों को समझकर भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आने देने पर है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने गुरुवार को कर्मचारियों के लिए जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि शुरुआती झटकों के बाद इंडिगो अब धीरे-धीरे स्थिरता की ओर लौट रही है और हालात में सुधार दिखाई देने लगा है।
झटकों से उबरकर नेटवर्क को दोबारा खड़ा कर रही इंडिगो
पीटर एल्बर्स के मुताबिक, 9 दिसंबर के बाद परिचालन में स्थिरता आनी शुरू हुई, जिसके चलते कंपनी ने अपने उड़ान नेटवर्क को फिर से मजबूत करना शुरू कर दिया है। वर्तमान में इंडिगो रोजाना करीब 2,200 उड़ानों का संचालन कर रही है, जो यह संकेत देता है कि स्थिति नियंत्रण में आ रही है। उन्होंने बताया कि प्रबंधन की प्राथमिकता तीन अहम बिंदुओं पर केंद्रित है—पहला, इंडिगो को पहले से ज्यादा सशक्त और लचीला बनाना; दूसरा, हालिया संकट के मूल कारणों का गहन और निष्पक्ष विश्लेषण कराना; और तीसरा, इन सबके आधार पर कंपनी की एक मजबूत और भरोसेमंद वापसी सुनिश्चित करना। एल्बर्स ने यह भी माना कि यह संकट इंडिगो के लिए एक चेतावनी की तरह था, जिससे सीख लेकर कंपनी अपनी प्रक्रियाओं और सिस्टम को और बेहतर बना सकती है।
बाहरी विशेषज्ञ से जांच, कर्मचारियों से सीधा संवाद
संकट की गंभीरता को देखते हुए इंडिगो के निदेशक मंडल ने एक स्वतंत्र बाहरी विमानन विशेषज्ञ की नियुक्ति की है, जो पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करेगा। इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि किन वजहों से यह संकट पैदा हुआ और भविष्य में इसे कैसे रोका जा सकता है। सीईओ ने यह भी स्पष्ट किया कि वे खुद नेतृत्व टीम के साथ देश के विभिन्न ठिकानों का दौरा करेंगे और उन कर्मचारियों से सीधे बातचीत करेंगे, जिन्होंने संकट के दौरान जमीनी स्तर पर काम किया। एल्बर्स ने कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारी दबाव और कठिन परिस्थितियों के बावजूद स्टाफ ने यात्रियों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रबंधन अब कर्मचारियों की समस्याओं, ड्यूटी शेड्यूल और कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने पर भी ध्यान देगा।
क्या था संकट की असली वजह और आगे की राह
दरअसल, 1 से 9 दिसंबर के बीच इंडिगो को हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं, जिससे लाखों यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। इसकी प्रमुख वजह पायलटों के ड्यूटी समय और विश्राम से जुड़े नए नियमों को समय पर लागू न कर पाना और कर्मचारियों की कमी मानी जा रही है। इस पूरे मामले की जांच के लिए डीजीसीए (DGCA) ने भी एक समिति गठित की है। इसके अलावा, सरकार ने एहतियातन इंडिगो के मौजूदा शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी है। हालांकि, इंडिगो प्रबंधन का दावा है कि इस संकट से सबक लेकर कंपनी अपनी परिचालन दक्षता, मानव संसाधन प्रबंधन और नियामकीय अनुपालन को और मजबूत करेगी। कंपनी का लक्ष्य न सिर्फ परिचालन को सामान्य बनाना है, बल्कि यात्रियों का खोया हुआ भरोसा पूरी तरह से दोबारा हासिल करना भी है।

