IND vs SA 2nd Test: पूर्व रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के विकेटकीपर-बल्लेबाज श्रीवात्स गोस्वामी ने हाल ही में कहा है कि विराट कोहली को वनडे क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें खेलना जारी रखना चाहिए था। गोस्वामी के मुताबिक, वर्तमान भारतीय टीम में वह ऊर्जा और आत्मविश्वास नहीं दिख रहा जो कोहली के कप्तानी काल में देखने को मिलता था। खासकर गुवाहाटी टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद ये बातें और जोर पकड़ने लगी हैं।
कोहली के कप्तानी में भारत का घरेलू टेस्ट प्रदर्शन अद्भुत था
विराट कोहली के नेतृत्व में भारत ने घरेलू मैदान पर कुल 31 टेस्ट मैच खेले, जिनमें केवल दो ही मैच हारें। इस दौरान भारत ने 24 मैच जीतकर अपने प्रदर्शन का शानदार रिकॉर्ड बनाया। कोहली का घरेलू विजेता प्रतिशत लगभग 77.41 था, जो बेहद प्रभावशाली है। इस रिकॉर्ड की वजह से क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों में उनकी कमी खास तौर पर महसूस की जा रही है।
Ideally Virat should have left playing ODIs & continued playing test cricket untill he had nothing to give. Test cricket misses him. Not just as a player but just the energy he brought, the love & passion playing for 🇮🇳 where he made the team believe that they can win in any…
— Shreevats goswami (@shreevats1) November 24, 2025
टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन पर गोस्वामी की प्रतिक्रिया
गोस्वामी ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि विराट कोहली को वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में तब तक खेलते रहना चाहिए था जब तक उनके पास टीम के लिए योगदान देने की ताकत हो। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट विराट कोहली को मिस कर रहा है, न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि टीम में जो ऊर्जा और आत्मविश्वास वह लेकर आते थे, उसकी कमी भी महसूस हो रही है।
रिषभ पंत के कप्तानी में भारत की चुनौती
गुवाहाटी टेस्ट में भारत की निराशाजनक स्थिति के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में लगातार हार का खतरा मंडरा रहा है। अगर भारत इस दूसरे टेस्ट में भी हार जाता है, तो यह घरेलू मैदान पर लगातार दूसरी हार होगी। इस स्थिति को देखकर पूर्व क्रिकेटर विराट कोहली की याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने कप्तानी के दौरान टीम को मजबूती दी थी और बेहतर परिणाम दिलाए थे।
विराट कोहली की वापसी की उम्मीद
भारतीय टीम और उसके प्रशंसक विराट कोहली की वापसी की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। कोहली की कप्तानी में टीम में जो जुनून, अनुशासन और जीत की भूख थी, वह आज के दौर में गायब नजर आ रही है। भारतीय टीम को चाहिए कि वह कोहली जैसे अनुभवकार खिलाड़ी से प्रेरणा लेकर अपने प्रदर्शन में सुधार करें और घरेलू दर्शकों को फिर से गर्व महसूस कराएं। विराट कोहली के लौटने से टीम में फिर से नया जोश और आत्मविश्वास आ सकता है।

