Income Tax Return भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों टैक्सपेयर्स रिटर्न भरने की तैयारी में लगे हैं। हालांकि आप चाहें तो 31 जुलाई के बाद भी ITR फाइल कर सकते हैं लेकिन उस स्थिति में आपको लेट फीस या टैक्स पर ब्याज देना पड़ सकता है। इसलिए समय पर और सही तरीके से रिटर्न फाइल करना न केवल आपकी कानूनी जिम्मेदारी है बल्कि इससे कई फायदे भी मिलते हैं। रिटर्न फाइल करते वक्त एक जरूरी बात यह है कि आप फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS जरूर चेक करें क्योंकि इनमें गलती होने पर आपका रिफंड अटक सकता है।
फॉर्म 26AS क्या है और क्यों जरूरी है
फॉर्म 26AS एक तरह का वार्षिक टैक्स स्टेटमेंट है जिसमें आपने साल भर में जो भी टैक्स भरा है उसकी पूरी जानकारी होती है। यह आपके पैन नंबर से जुड़ा होता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इस फॉर्म में आपके द्वारा भरे गए TDS, एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स, टीसीएस और आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए रिफंड की डिटेल्स होती हैं।
इसके अलावा फॉर्म 26AS में कुछ बड़े ट्रांजैक्शन्स की जानकारी भी होती है जैसे अगर आपने 50 हजार से ज्यादा की जीवन बीमा प्रीमियम दी है, 20 हजार से ज्यादा की हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भरी है, एक लाख से ज्यादा की एजुकेशन फीस या डोनेशन दी है, 20 हजार से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स भरा है, तो उसकी जानकारी इसमें दी जाती है। रिटर्न भरते समय आपका TDS 26AS में दिख रही राशि से मेल खाना चाहिए। अगर दोनों में थोड़ी भी गड़बड़ी हुई तो आयकर विभाग उसे जांच के दायरे में ले सकता है।
AIS: हर लेनदेन की डिजिटल झलक
रिटर्न भरते समय अक्सर हमें पुराने ट्रांजैक्शन याद नहीं रहते। इसी परेशानी को दूर करने के लिए नवंबर 2021 में इनकम टैक्स विभाग ने Annual Information Statement (AIS) शुरू किया था। यह स्टेटमेंट इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें आपकी वह सारी जानकारी होती है जो इनकम टैक्स विभाग के पास पहले से उपलब्ध होती है।
AIS को दो भागों में बांटा गया है। पार्ट A में आपकी सामान्य जानकारी होती है जैसे पैन नंबर, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पता, नाम और जन्म तिथि। यदि टैक्सपेयर कोई संस्था है तो उसकी स्थापना की तारीख का उल्लेख होता है। पार्ट B में तकनीकी जानकारी दी जाती है जिसमें आपके सभी बैंक लेन-देन, डिविडेंड, ब्याज आय, म्यूचुअल फंड निवेश, शेयर लेन-देन, प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री और अन्य वित्तीय गतिविधियों की डिटेल होती है। इस डिटेल को देखकर आप अपनी ITR बड़ी आसानी से और सही ढंग से फाइल कर सकते हैं।
सही जानकारी से मिलेगा जल्दी रिफंड और मानसिक शांति
आईटीआर फाइल करते समय अगर आपने फॉर्म 26AS और AIS की पूरी तरह से जांच की है और उसमें मौजूद जानकारी से आपका रिटर्न मेल खाता है तो न सिर्फ आपका रिटर्न जल्दी प्रोसेस होता है बल्कि रिफंड भी जल्दी आ जाता है। इससे न केवल आपका पैसा समय पर वापस मिलता है बल्कि आपको किसी तरह की जांच या नोटिस का सामना भी नहीं करना पड़ता। इसलिए जरूरी है कि हर टैक्सपेयर्स ITR भरने से पहले इन दोनों दस्तावेजों को अच्छी तरह देख लें और अगर कोई गलती दिखे तो पहले उसे सही करवाएं।