भारत के लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर ने लगातार दूसरे महीने डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की है। अक्टूबर 2025 में नए बिजनेस का प्रीमियम सालाना आधार पर 12.1 प्रतिशत बढ़कर 34,007 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। केयरएज रेटिंग्स ने यह जानकारी लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल और IRDAI के आंकड़ों के हवाले से दी है। अगस्त में 5.2 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह उछाल खासतौर पर इंडिविजुअल सेगमेंट में नॉन-सिंगल प्रीमियम पॉलिसी की बढ़ती मांग की वजह से आया है। ये पॉलिसियां आवर्ती निवेश को दर्शाती हैं जो निवेशकों की बढ़ती रुचि का संकेत हैं।
सरकारी और निजी कंपनियों दोनों को मिला फायदा
लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर की यह वृद्धि केवल निजी कंपनियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने भी अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है। निजी कंपनियों ने भी दोहरे अंक में विकास दर्ज किया है। खासकर व्यक्तिगत गैर-एकल प्रीमियम पॉलिसियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है जो स्वस्थ और लगातार निवेश को दर्शाती है। साथ ही संस्थागत मांग में सुधार से समूह बीमा व्यवसाय में भी वृद्धि देखने को मिली है। माल एवं सेवा कर (GST) में हालिया कटौती ने कंपनियों की समग्र वृद्धि गति को बनाए रखने में मदद की है।
GST कटौती से हुआ कारोबार को बढ़ावा
भारत सरकार ने व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लागू 18 प्रतिशत की GST दर को 22 सितंबर 2025 से पूरी तरह हटा दिया है। इस कटौती का सकारात्मक प्रभाव अक्टूबर के आंकड़ों में साफ दिखाई दिया है। केयरएज रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि GST कटौती ने बिक्री को सही समय पर बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव उद्योग की व्यावसायिक गति को दोबारा डबल डिजिट ग्रोथ पर ले आया है, जो कि मांग में सुधार का संकेत है।
मजबूत भविष्य की उम्मीदें और डिजिटलरण
संजय अग्रवाल ने यह भी बताया कि मध्यम अवधि में लाइफ इंश्योरेंस उद्योग नए नियमों, नए उत्पादों और डिजिटल माध्यम से मजबूत वितरण नेटवर्क के जरिए इस सकारात्मक प्रक्षेपवक्र को बनाए रखेगा। डिजिटल तकनीकों के उपयोग से ग्राहकों तक पहुंच आसान हो रही है और इंश्योरेंस पॉलिसियों की खरीद और सेवा में तेजी आई है। इसके अलावा, नए उत्पादों की पेशकश से ग्राहक वर्ग बढ़ रहा है जिससे उद्योग को और मजबूती मिलेगी।
निवेशकों के लिए उत्साहजनक संकेत
लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर की इस मजबूती से निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा है। आवर्ती निवेश की बढ़ती मांग दर्शाती है कि लोग अब लंबी अवधि की सुरक्षा और बचत के लिए बीमा को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों के प्रदर्शन में सुधार ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाई है, जिससे ग्राहकों के लिए विकल्प भी बढ़े हैं। इस प्रकार, भारत का लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर न केवल आर्थिक विकास में योगदान दे रहा है, बल्कि आम जनता की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी एक मजबूत आधार बना रहा है।

