Online Betting Apps और जुआ खेलने वाली वेबसाइट्स पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने “ऑनलाइन गेमिंग बिल” को मंजूरी दे दी है, जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल का मकसद ऑनलाइन बेटिंग और जुआ खेलने वाले ऐप्स को नियंत्रित करना है। खास बात यह है कि इस बिल के बाद टीवी और सोशल मीडिया पर इन ऐप्स के विज्ञापन पूरी तरह बैन हो जाएंगे, ताकि युवाओं को इनकी लत से बचाया जा सके।
1400 से ज्यादा ऐप्स पहले ही हो चुके हैं ब्लॉक
सरकार पिछले कुछ सालों से ऐसे ऐप्स और वेबसाइट्स पर लगातार कार्रवाई कर रही है। 2022 से फरवरी 2025 तक सरकार 1400 से ज्यादा बेटिंग और जुआ खेलने वाली साइट्स को ब्लॉक कर चुकी है। वहीं शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में बच्चों की बढ़ती लत को रोकने के लिए पैरेंट्स और टीचर्स को एडवाइजरी भी जारी की है। सरकार चाहती है कि इन प्लेटफॉर्म्स के खतरनाक असर से बच्चों और युवाओं को सुरक्षित रखा जाए।
भारी टैक्स और कड़े प्रावधान
ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार ने टैक्स का बोझ भी बढ़ाया है। पहले साल 2023 में 28% जीएसटी लगाया गया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़ाकर 30% कर दिया गया। इतना ही नहीं, विदेशों से चलने वाले ऑफशोर गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है। अब एजेंसियों को सीधे ऐसे ऐप्स और वेबसाइट्स को बैन करने का अधिकार होगा।
कड़ी सजा और जेल की भी तैयारी
पिछले साल सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग और जुआ खेलने वाले ऐप्स को भारतीय न्याय संहिता (Indian Justice Code) के आपराधिक प्रावधानों में शामिल कर लिया था। इसका मतलब है कि इन ऐप्स को प्रमोट करने वालों पर भारी जुर्माना और 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। अब नए कानून के आने के बाद किसी भी प्लेटफॉर्म या चैनल पर ऐसे विज्ञापन दिखाना गैरकानूनी होगा।
IPL और क्रिकेट इवेंट्स में बाढ़ जैसे विज्ञापन
आईपीएल और अन्य क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान ऐसे ऐप्स के विज्ञापनों की बाढ़ आ जाती है। Dream 11, My11Circle, DafaBet जैसे प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया, टीवी और इंटरनेट पर लगातार नजर आते हैं। लेकिन सरकार के इस नए कानून के बाद इन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। जाहिर है, सरकार अब युवाओं को बेटिंग और जुए की लत से दूर रखने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठा रही है।