पिछले हफ्ते भारतीय Stock Market ने अच्छा रैली दिखाया। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 82,188.99 अंक पर बंद हुआ जो 746.95 अंक या 0.92 प्रतिशत का बढ़त था। वहीं एनएसई निफ्टी 25,003.05 पर बंद हुआ जो 252.15 अंक या 1.02 प्रतिशत ऊपर था। यह उछाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत कटौती के बाद आया।
रेपो रेट कटौती से होगी कर्ज की किश्तों में कमी
विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट कटौती से कर्ज की ईएमआई कम होगी जिससे मांग बढ़ेगी। इसका असर शेयर बाजार में साफ देखा गया। मोतीलाल ओसवाल के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि भारतीय बाजार में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी। यूएस-भारत व्यापार समझौते के प्रति आशावाद भी बाजार को सपोर्ट करेगा।
वैश्विक कारक बना सकते हैं बाजार में उतार-चढ़ाव
सिद्धार्थ खेमका ने यह भी कहा कि अमेरिका के टैरिफ में अनपेक्षित बदलाव और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं। वहीं गेजोइट इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी और आरबीआई की आक्रामक दर कटौती से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
इस हफ्ते बाजार पर इन आंकड़ों का होगा असर
विश्लेषकों का मानना है कि इस सप्ताह बाजार की चाल वैश्विक रुझानों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और विदेशी निवेशकों की ट्रेडिंग गतिविधियों पर निर्भर करेगी। निवेशक मानसून की प्रगति और व्यापार वार्ताओं से जुड़ी खबरों पर भी नजर रखेंगे।
आर्थिक डेटा और मानसून की प्रगति पर नजर
रिलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा कि निवेशक खुदरा मुद्रास्फीति जैसे मैक्रोइकॉनॉमिक आंकड़ों पर ध्यान देंगे ताकि मांग के रुझान और केंद्रीय बैंक के अगले कदमों का अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि मानसून की प्रगति और कृषि की स्थिति ग्रामीण मांग को प्रभावित करेगी। इसके साथ ही वैश्विक ट्रेड वार्ता और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव भी निवेशकों की भावना को प्रभावित करेंगे।