Gold & Silver Price: हाल ही में सोने और चाँदी की कीमतों में अचानक वृद्धि को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसका मुख्य कारण वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता है। ऐसे समय में निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं, जिससे सोने और चाँदी की मांग बढ़ती है। राज्य मंत्री वित्त पंकज चौधरी ने लोक सभा में लिखित उत्तर में बताया कि भारत में सोने और चाँदी की कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार दरों, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर, और देश में लगाए गए करों और शुल्कों द्वारा निर्धारित होती हैं।
सोने की कीमतों में तेजी
मंत्री ने बताया कि युद्ध की स्थिति, वैश्विक मंदी का खतरा या आर्थिक अस्थिरता के समय निवेशक जोखिम भरे विकल्प जैसे स्टॉक मार्केट से अपने निवेश को सुरक्षित संपत्तियों की ओर शिफ्ट कर देते हैं। इससे सोने और चाँदी की कीमतों में तेजी आती है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक और विश्व की बड़ी वित्तीय संस्थाएँ भी बड़ी मात्रा में सोना खरीद रही हैं, जिससे इन धातुओं की मांग और मजबूत हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सोने और चाँदी की कीमतों में बढ़ोतरी सभी राज्यों और समाज के हर वर्ग पर समान रूप से नहीं दिखती, क्योंकि इन धातुओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व अलग-अलग क्षेत्रों और समुदायों में भिन्न होता है।
सरकार ने स्पष्ट किया कारण
पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि सोने और चाँदी की कीमतों में वृद्धि उन परिवारों के लिए फायदेमंद होती है जिनके पास पहले से यह धातुएँ हैं। इससे उनके परिवारिक संपत्ति का मूल्य बढ़ता है और घरेलू संपत्ति में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कीमती धातुओं की कीमतें पूरी तरह से बाजार पर निर्भर होती हैं और सरकार का उनके मूल्य निर्धारण में कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि निवेशक और आम जनता सही निर्णय ले सकें और बाजार की स्थिति को समझें।
मजबूत घरेलू मांग और आयात
मंत्री ने आंकड़े देते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के सितंबर तक भारत ने लगभग 26.51 बिलियन डॉलर का सोना और 3.21 बिलियन डॉलर का चाँदी का आयात किया। यह दिखाता है कि भारत में इन धातुओं की घरेलू मांग बहुत मजबूत है। सोने और चाँदी को केवल उपभोक्ता वस्तुएँ नहीं बल्कि निवेश का महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है, जो आर्थिक अनिश्चितता के समय सुरक्षित संपत्ति के रूप में काम करती हैं। इस प्रकार, वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण इन धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी को समझना जरूरी है।

