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Thursday, June 26, 2025
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Gold Rate: युद्ध खत्म, सोने की चमक भी खत्म! जानिए क्यों लड़खड़ाया गोल्ड-सिल्वर का बाजार

Gold Rate: ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिनों से जारी युद्ध पर मंगलवार को विराम लग गया है। दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनने के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई। वहीं दूसरी तरफ, सोना और चांदी जैसे सेफ हेवन एसेट्स की कीमतों में जोरदार गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्ध समाप्ति की घोषणा करते ही अंतरराष्ट्रीय और भारतीय दोनों बाजारों में सोने-चांदी की चमक फीकी पड़ गई।

MCX पर गोल्ड-चांदी की कीमतों में गिरावट

भारतीय मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मंगलवार सुबह सोने की कीमतों में 2.98% की भारी गिरावट देखी गई। सोना ₹96,422 प्रति 10 ग्राम पर खुला, जबकि दोपहर 12 बजे तक यह ₹97,307 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जो कि ₹2100 की गिरावट को दर्शाता है। चांदी भी ₹1,06,759 से घटकर ₹1,05,523 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के रूप में सोने से दूरी बनानी शुरू कर दी है।

Gold Rate: युद्ध खत्म, सोने की चमक भी खत्म! जानिए क्यों लड़खड़ाया गोल्ड-सिल्वर का बाजार

 अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पस्त दिखा सोना

केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में नरमी देखी गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पॉट गोल्ड 0.5% गिरकर $3,351.47 प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में 0.9% की गिरावट दर्ज की गई। स्पॉट सिल्वर की कीमत $36.10 प्रति औंस पर आ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि युद्धविराम की वजह से निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता में इजाफा हुआ है, जिससे सुरक्षित निवेश के विकल्पों की मांग घटी है।

निवेशकों की नजर अब अमेरिका के फेड प्रमुख पर

अब निवेशकों की निगाहें अमेरिका के फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल की गवाही पर टिकी हैं। पॉवेल मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही देंगे, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि फेड की मौद्रिक नीति की दिशा क्या होगी। यदि ब्याज दरों में बदलाव के संकेत मिलते हैं, तो इससे सोने-चांदी के बाजार में और हलचल देखने को मिल सकती है।

 जानकारों की राय: अभी रुकावट अस्थायी हो सकती है

कमोडिटी विशेषज्ञों के मुताबिक सोने-चांदी की कीमतों में आई यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। अगर जियोपॉलिटिकल टेंशन दोबारा बढ़ता है या फेड की नीति निवेशकों को निराश करती है तो फिर से सोने की ओर रुझान बढ़ सकता है। इसलिए निवेशकों को जल्दबाजी में बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए और बाजार की दिशा स्पष्ट होने तक सतर्कता बरतनी चाहिए।

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