Gold Price: सोना निवेशकों के लिए हमेशा से ही सुरक्षित और फायदे का सौदा रहा है। इस साल वैश्विक बाजारों में टैरिफ और अन्य अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पिछले दो साल में सोने ने 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, वहीं इस साल अब तक इसका भाव 27 प्रतिशत तक चढ़ चुका है। निवेश के लिहाज से देखा जाए तो किसी भी अन्य एसेट क्लास की तुलना में सोना ही सबसे दमदार साबित हुआ है।
शेयर और बॉन्ड क्यों पीछे रह गए
सवाल यह उठता है कि सोने की तुलना में इक्विटी और बॉन्ड निवेश क्यों पीछे रह गए। अगर इक्विटी की बात करें तो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इस साल निवेशकों को केवल 5 से 10 प्रतिशत तक का ही रिटर्न मिला है। भारत में बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने करीब 6 प्रतिशत का रिटर्न दिया। वहीं वैश्विक बाजार में एसएंडपी 500 ने 8 प्रतिशत, नैस्डेक ने 10 प्रतिशत और डाउ 30 ने करीब 5 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
ऋण बाजार (Debt Market) का प्रदर्शन भी इस साल कमजोर रहा। एसएंडपी यू.एस. एग्रीगेट बॉन्ड इंडेक्स ने अब तक केवल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। वहीं डेट–मीडियम ड्यूरेशन कैटेगरी का औसत रिटर्न इस साल 6 प्रतिशत से भी कम रहा। ऐसे में सोने की तुलना में ये निवेश विकल्प निवेशकों को अपेक्षित लाभ नहीं दे पाए।
पिछले 10 सालों में सोने का प्रदर्शन
पिछले दस वर्षों में सोने ने औसतन करीब 11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दस साल पहले सोने की कीमत लगभग 1,111 डॉलर प्रति औंस थी, जो अब बढ़कर 3,350 डॉलर प्रति औंस हो चुकी है। यानी लंबी अवधि में भी सोने ने निवेशकों को सुरक्षित और आकर्षक रिटर्न दिया है।

सोने में तेजी के कारण
सोने की कीमतों में इस साल तेजी कई कारणों से आई है। इसमें शामिल हैं:
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बदलते वैश्विक भूराजनीतिक हालात
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केंद्रीय बैंकों की रिकॉर्ड खरीदारी
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युद्ध जैसी परिस्थितियां और अंतरराष्ट्रीय तनाव
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अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ और बढ़ता यूएस ऋण
इन सभी कारकों ने निवेशकों के मन में अनिश्चितताओं को बढ़ाया और सोने की मांग को बढ़ाया। यही वजह है कि इस साल सोने ने बाकी सभी निवेश विकल्पों से कहीं बेहतर रिटर्न दिया।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के अनुसार, केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद में इस साल कुछ गिरावट जरूर आई है। पहले क्वार्टर में 244 टन सोना खरीदा गया, वहीं दूसरे क्वार्टर में यह घटकर 166 टन रह गया। हालांकि, अगले 12 महीनों में केंद्रीय बैंकों की योजना है कि वे अपने गोल्ड रिजर्व को 43 प्रतिशत तक बढ़ाएं।
सोने की वर्तमान कीमत और भविष्य
फिलहाल सोने का भाव 1,00,450 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 23 जुलाई को सोने ने पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,375 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है, जो पिछले 12 महीनों में लगभग 35 प्रतिशत का रिटर्न देता है।
सोने की आगे की कीमतें अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार की स्थिति पर निर्भर करेंगी। अगर आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तो सोने की कीमत और बढ़ सकती है। वहीं, वैश्विक बाजार में स्थिरता आने पर सोने में तेजी का सिलसिला धीमा पड़ सकता है।
इस साल सोने ने निवेशकों को उच्च रिटर्न और सुरक्षा दोनों प्रदान किए हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं, टैरिफ और राजनीतिक परिस्थितियों ने सोने की मांग को और बढ़ाया है। निवेशकों के लिए यह समय सोने में निवेश करने का बेहद अनुकूल माना जा रहा है। भविष्य में भी यदि वैश्विक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तो सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी संभव है। सोने ने यह साबित कर दिया है कि यह केवल निवेश का विकल्प नहीं बल्कि सुरक्षा और स्थिरता का भी प्रतीक है।