Gold Price: भारत में बुधवार, 17 सितंबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट यूएस फेडरल रिजर्व (Fed) की मौद्रिक नीति बैठक से पहले निवेशकों की सतर्कता के कारण हुई। कई निवेशक इस समय लाभ लेने में जुटे हैं, वहीं अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने ने भी कीमती धातुओं पर दबाव बढ़ाया। सुबह 10 बजे तक MCX पर अक्टूबर के सोने (Gold October Futures) ₹1,09,705 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था, जो 0.41% कम है। इसी तरह, चांदी (Silver December Futures) ₹1,27,304 प्रति किलोग्राम पर थी, जो 1.18% की गिरावट दर्शाती है।
डॉलर इंडेक्स और Fed की बैठक का असर
सोने की कीमतों पर दबाव का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में 0.10% से अधिक की बढ़त है। डॉलर मजबूत होने पर अन्य मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए सोना महंगा हो जाता है, जिससे मांग में गिरावट आती है। हालांकि, बाजार में व्यापक उम्मीद है कि Fed आज की बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चक्र में कुल मिलाकर 75-100 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव है। यदि ऐसा होता है, तो लंबे समय में सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है क्योंकि कम ब्याज दरें सोने को निवेश के लिए आकर्षक बनाती हैं।

2025 में सोने का शानदार प्रदर्शन
साल 2025 में सोने ने अब तक 40% से अधिक की शानदार बढ़त दर्ज की है। इसके पीछे तीन मुख्य कारण माने जा रहे हैं। पहला, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक चुनौतियों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित किया। दूसरा, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने अपने भंडार में सोने की खरीद बढ़ाई। तीसरा, साल की शुरुआत में डॉलर की कमजोरी ने सोने को मजबूती दी। इन सभी कारणों से निवेशकों का सोने की ओर रुझान बढ़ा है।
ETF डेटा और निवेशकों की मांग
रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े सोना-समर्थित ETF SPDR Gold Trust में होल्डिंग्स सोमवार को 976.80 मीट्रिक टन से बढ़कर मंगलवार को 979.95 मीट्रिक टन हो गई। यह दर्शाता है कि निवेशकों की सोने में मजबूत मांग जारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह सोना और चांदी दोनों की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रह सकती हैं। निवेशकों को FOMC की ब्याज दर की घोषणा, डॉलर इंडेक्स के उतार-चढ़ाव और भारत-अमेरिका व्यापार समझौतों से जुड़े संभावित घोषणाओं पर नजर रखनी चाहिए।
निवेशकों के लिए रणनीति और भविष्य
विशेषज्ञ निवेशकों को इस समय सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। सोना और चांदी की कीमतें Fed की बैठक, डॉलर की चाल और वैश्विक आर्थिक संकेतकों के अनुसार तेजी या गिरावट दिखा सकती हैं। जो निवेशक लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए सोना अभी भी आकर्षक विकल्प बना हुआ है। वहीं, तात्कालिक लाभ लेने वाले निवेशक बाजार की अस्थिरता का फायदा उठा सकते हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर अपनी निवेश रणनीति बनाएं।

