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Saturday, November 1, 2025
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भारत में कदम रखने को तैयार Elon Musk की Starlink! सैटेलाइट इंटरनेट से बदलेगा कनेक्टिविटी का भविष्य

Elon Musk की कंपनी स्पेसएक्स की सहायक इकाई Starlink ने भारत में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने अपने बेंगलुरु कार्यालय के लिए कई पदों पर भर्तियों के लिए लिंक्डइन पर विज्ञापन जारी किए हैं। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि स्टारलिंक जल्द ही भारत में सैटेलाइट कम्युनिकेशन यानी सैटकॉम सेवाएं शुरू कर सकती है। कंपनी का लक्ष्य देश के दूरदराज इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है। जुलाई में भारतीय नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद स्टारलिंक ने अपने ऑपरेशनल प्लान को तेज़ कर दिया है।

बेंगलुरु ऑफिस में चार पदों पर भर्ती

स्पेसएक्स ने लिंक्डइन पर स्टारलिंक इंडिया के लिए चार पदों की घोषणा की है—पेमेंट्स मैनेजर, अकाउंटिंग मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर। इन पदों के जरिए कंपनी अपने वैश्विक नेटवर्क को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय संचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है। पेमेंट्स मैनेजर की जिम्मेदारी रोजाना भुगतान सफलता दर और फ्रॉड दर की निगरानी करना होगी। टैक्स मैनेजर टैक्स कैलकुलेशन और बाहरी सर्विस प्रदाताओं के साथ समन्वय का काम संभालेगा। वहीं सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट कंपनी के वैश्विक ट्रेजरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।

भारत में कदम रखने को तैयार Elon Musk की Starlink! सैटेलाइट इंटरनेट से बदलेगा कनेक्टिविटी का भविष्य

देशभर में बनेंगे गेटवे स्टेशन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक जल्द ही भारत में कई जगहों पर गेटवे अर्थ स्टेशन स्थापित करने जा रही है। ये स्टेशन सैटेलाइट और पृथ्वी पर मौजूद रिसीवर्स के बीच कनेक्शन बनाए रखने का काम करेंगे। शुरुआती चरण में ये स्टेशन चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और नोएडा जैसे शहरों में लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि फिलहाल इन स्टेशनों पर केवल भारतीय नागरिकों को काम करने की अनुमति होगी, जब तक कि गृह मंत्रालय विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों को सुरक्षा मंजूरी नहीं देता।

सरकार से मिली बड़ी मंजूरी

जुलाई 2025 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को सैटेलाइट के माध्यम से भारत में वाणिज्यिक सेवाएं शुरू करने की मंजूरी दी थी। यह लाइसेंस पांच साल के लिए वैध रहेगा। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने भी इस मंजूरी की पुष्टि की थी। इससे पहले रिलायंस जियो और यूके की कंपनी यूटेलसैट वनवेब को भी इसी तरह की अनुमति दी जा चुकी है। अब स्टारलिंक की एंट्री से भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और तेज़ होने की उम्मीद है।

भारत के डिजिटल भविष्य में नया अध्याय

स्टारलिंक की भारत में शुरुआत से देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई मिल सकती है। ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। एलन मस्क का यह कदम भारत की ‘डिजिटल इंडिया’ मुहिम को और मजबूत करेगा। अगर सबकुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले महीनों में भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो जाएगा जहां सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं आम लोगों तक पहुंच चुकी हैं।

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