Retirement Fund: बहुत से लोग सोचते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आय बंद हो जाती है, लेकिन असलियत यह है कि यदि जीवन में सही समय पर योजना बनाई जाए, तो वृद्धावस्था में भी आसानी से 1 लाख रुपये प्रति माह की आय अर्जित की जा सकती है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है एक मजबूत रिटायरमेंट फंड तैयार करना और उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना। यह फंड अचानक नहीं बनता बल्कि समय और अनुशासित निवेश से धीरे-धीरे तैयार होता है।
निवेश की रणनीति और विकल्प
रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए आवश्यक नहीं कि आपके पास करोड़ों रुपये हों। यदि आपके पास निश्चित राशि है, तो उसके अनुसार विभिन्न निवेश योजनाओं का चुनाव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं और केवल 6% रिटर्न चाहते हैं, तो लगभग 2 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इस राशि को एन्युइटी, फिक्स्ड डिपॉजिट या डेट फंड में निवेश किया जा सकता है, जो सुरक्षित माने जाते हैं।
थोड़े जोखिम के साथ अधिक लाभ
यदि आप थोड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो 8% रिटर्न देने वाली योजनाओं का चुनाव कर सकते हैं, जैसे सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS), बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड या इक्विटी सेविंग फंड। इन विकल्पों के लिए लगभग 1.5 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यदि आप 10% रिटर्न का लक्ष्य रखते हैं, तो 1.2 करोड़ रुपये पर्याप्त होंगे। इसके लिए एग्रीसिव हाइब्रिड फंड, लार्ज कैप फंड और लार्ज एंड मिडकैप फंड में निवेश किया जा सकता है। वहीं, जो लोग 1 करोड़ रुपये और उच्च जोखिम लेने में सक्षम हैं, वे फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड में निवेश कर सकते हैं, जहां रिटर्न 12% तक हो सकता है।
SWP योजना – स्थायी आय का माध्यम
सिस्टमेटिक विदड्रॉवल प्लान (SWP) एक बेहतरीन तरीका है, जिससे हर महीने निश्चित राशि निकाली जा सकती है और बाकी पैसा निवेशित रहता है। इससे आपका फंड बढ़ता रहता है और आपको नियमित आय भी मिलती है। मान लीजिए आपके पास 2.5 करोड़ रुपये का फंड है और आप हर महीने 1 लाख रुपये SWP के माध्यम से निकालते हैं। यदि फंड का औसत रिटर्न 8-10% प्रति वर्ष है, तो आप आसानी से अपने खर्चों को संभाल सकते हैं और फंड में वृद्धि भी जारी रहती है।
महंगाई को ध्यान में रखें
आज के 1 लाख रुपये की कीमत 10-15 वर्षों बाद वैसी नहीं रहेगी। इसलिए हमेशा महंगाई को ध्यान में रखते हुए योजना बनाएं। निवेश इस तरह करें कि आप केवल ब्याज ही नहीं बल्कि समय-समय पर मूलधन का भी हिस्सा निकाल सकें और जीवन स्तर पर कोई असर न पड़े। सही योजना और अनुशासन के साथ रिटायरमेंट के बाद भी आप वित्तीय स्वतंत्रता और आरामदायक जीवन सुनिश्चित कर सकते हैं।