DIGIPIN : भारतीय डाक विभाग ने एक नई डिजिटल सेवा DIGIPIN की शुरुआत की है जो आने वाले समय में पारंपरिक पिन कोड की जगह लेगी। इस सेवा के तहत लोगों को उनके स्थान के अक्षांश और देशांतर के आधार पर एक यूनिक डिजिटल पता दिया जाएगा।
डिजिपिन कैसे करेगा काम
डिजिपिन सेवा आपके मोबाइल या कंप्यूटर की लोकेशन एक्सेस लेकर आपकी सटीक भौगोलिक स्थिति के आधार पर 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड बनाती है। यह कोड आपकी पते की सटीक पहचान करता है और किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी इसमें इस्तेमाल नहीं होती।
क्या डिजिपिन सुरक्षित है
बहुत से लोग सोचते हैं कि क्या डिजिपिन हमारी प्राइवेसी के लिए खतरा है लेकिन डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें केवल लोकेशन का डाटा लिया जाता है और कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जाती इसलिए यह प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करता।
डिजिपिन कैसे बनाएं
अगर आप भी अपना डिजिपिन बनाना चाहते हैं तो https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home वेबसाइट पर जाएं। यहां आपको अपने डिवाइस की लोकेशन एक्सेस देनी होगी। इसके बाद आपके स्थान पर आधारित एक डिजिपिन जनरेट हो जाएगा जिसका इस्तेमाल आप कई सेवाओं के लिए कर सकते हैं।
पारंपरिक पिन कोड से कैसे अलग है डिजिपिन
पारंपरिक पिन कोड किसी बड़े क्षेत्र को दर्शाता है लेकिन डिजिपिन बिल्कुल सटीक जगह को दिखाता है। पिन कोड 6 अंकों का होता है जबकि डिजिपिन 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है। इसकी खासियत यह है कि यह ऑफलाइन भी काम करता है जिससे जगह ढूंढना और आसान हो जाता है।