Census in India: भारत सरकार ने आखिरकार जनगणना को लेकर बड़ा फैसला ले लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि देश की अगली जनगणना वर्ष 2027 में की जाएगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम 1948 के तहत अधिसूचना भी जारी कर दी है। कोरोना महामारी की वजह से यह जनगणना पहले कई बार टल चुकी थी।
दो चरणों में पूरी होगी जनगणना प्रक्रिया
इस बार जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहला चरण अक्टूबर 2026 तक पूरा होगा जबकि दूसरा और अंतिम चरण मार्च 1, 2027 तक चलेगा। 1 मार्च 2027 की तारीख को “संदर्भ तिथि” माना जाएगा। इसी दिन की स्थिति के आधार पर देश की आबादी और सामाजिक आंकड़े दर्ज किए जाएंगे।
Central Government declares that a census of the population of India shall be taken during the year 2027, gazette notification issued. pic.twitter.com/FUipgkLdYz
— ANI (@ANI) June 16, 2025
पहाड़ी राज्यों में पहले होगी गणना
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में मौसम की वजह से जनगणना पहले की जाएगी। इन राज्यों के लिए 1 अक्टूबर 2026 को ही संदर्भ तिथि मान लिया जाएगा। यह फैसला ठंड और दुर्गम इलाकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि काम समय पर और व्यवस्थित रूप से हो सके।
डेटा जारी होने की तय समयसीमा
मार्च 2027 में प्राथमिक आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे जबकि विस्तृत आंकड़े दिसंबर 2027 तक जारी होने की संभावना है। इसके बाद देशभर में इन आंकड़ों के आधार पर योजनाएं और फैसले लिए जाएंगे। यह आंकड़े जनसंख्या, जातिगत जानकारी और सामाजिक ढांचे को दर्शाएंगे।
महिला आरक्षण पर भी बन सकती
है तस्वीर
जनगणना के बाद 2028 तक लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा। इसी प्रक्रिया में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता भी साफ हो सकता है। इसका मतलब है कि 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो सकती है और देश में राजनीतिक संतुलन नया रूप ले सकता है।