By Election Result: 19 जून को गुजरात, पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इनमें से गुजरात की दो सीटों – कड़ी और विसावदर – पर फिर से 21 जून को दोबारा मतदान हुआ क्योंकि कुछ स्थानों पर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। इन उपचुनावों से किसी राज्य की सत्ता पर सीधा असर नहीं पड़ेगा लेकिन पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर अगर आम आदमी पार्टी जीतती है तो राज्यसभा में उसकी एक अतिरिक्त सीट पक्की हो सकती है। इस कारण ये उपचुनाव राजनीतिक रूप से बेहद अहम बन गए हैं।
लुधियाना पश्चिम में आम आदमी पार्टी की मजबूत बढ़त
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद और समाजसेवी संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा था। अरोड़ा इस समय 2482 वोटों की बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। बीजेपी के जीवन गुप्ता दूसरे स्थान पर हैं जबकि कांग्रेस के पूर्व मंत्री भरत भूषण अशु पिछड़ते नजर आ रहे हैं। लुधियाना में आम आदमी पार्टी के लिए यह जीत न केवल राजनीतिक संदेश देगी बल्कि अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा भेजने की संभावनाएं भी खोल सकती है।
गुजरात की विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया आगे
गुजरात की विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया 391 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं। इस सीट पर बीजेपी ने कीरत पटेल और कांग्रेस ने नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि यह वही सीट है जहां से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भायाणी ने इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर ली थी। अब उसी सीट पर गोपाल इटालिया की बढ़त पार्टी के लिए साख का सवाल बनी हुई है।
बंगाल की कलिगंज सीट पर टीएमसी की बढ़त, केरल के निलांबूर में कांग्रेस आगे
पश्चिम बंगाल की कलिगंज सीट पर मतगणना की शुरुआत पोस्टल बैलेट से हुई और शुरुआती रुझानों में तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है। टीएमसी ने यहां अपने दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद की बेटी अलीफा अहमद को टिकट दिया है। वहीं केरल की निलांबूर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार आर्यादन शौकत 2286 वोटों की बढ़त के साथ आगे हैं। यहां एलडीएफ और यूडीएफ के बीच सीधी टक्कर है जबकि बीजेपी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर चल रहे हैं।
छोटे चुनाव, बड़े संदेश: राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर
इन उपचुनावों में भले ही सरकारें न बदलें लेकिन परिणाम राजनीतिक दलों की रणनीति, संगठन क्षमता और जनसंपर्क का आईना जरूर बनेंगे। आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब और गुजरात की सीटें राजनीतिक विस्तार का रास्ता खोल सकती हैं। कांग्रेस और बीजेपी भी अपने जनाधार को लेकर उत्साहित हैं। बंगाल और केरल में क्षेत्रीय और विचारधारा आधारित टकराव देखने को मिल रहा है। परिणाम जो भी हों, 2025 के आम चुनाव से पहले ये उपचुनाव राजनीतिक संकेत जरूर देंगे।