Bihar News: हाल के दिनों में बिहार में अपराध की घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं, जिससे राज्य की नीतीश कुमार सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हत्या, लूट और अपहरण जैसी वारदातों में वृद्धि से आम जनता डरी हुई है। सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह अपराध नियंत्रण में विफल रही है। ऐसे माहौल में सरकार के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों ने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया है।
एडीजीपी कुंदन कृष्णन का विवादित बयान
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार में अप्रैल से जून के बीच कोई फसल का मौसम नहीं होता, जिससे किसान और खेतिहर मज़दूर बेरोज़गार रहते हैं। ऐसे में भूमि विवाद बढ़ते हैं और कुछ युवा तेज़ी से पैसा कमाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसी घटनाओं में शामिल हो जाते हैं। इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई और विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया।
#WATCH | Patna: On his previous remarks, Bihar ADG (HQ) Kundan Krishnan says, "… My statements were distorted and presented, which led to a controversy… I did not mean to say that our farmers have anything to do with crimes happening in the state and the country. They are and… https://t.co/cWV9DqGxNV pic.twitter.com/od1wjvfKDr
— ANI (@ANI) July 20, 2025
किसानों से माफी और बयान पर सफाई
सियासी तूफान मचने के बाद एडीजीपी कुंदन कृष्णन ने एक वीडियो संदेश जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और उनका उद्देश्य कभी भी किसानों को अपराध से जोड़ना नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे खुद किसान परिवार से आते हैं और उन्हें किसानों का दर्द समझ है। “अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना को ठेस पहुंची हो, तो मैं क्षमा मांगता हूं,” उन्होंने कहा।
चिराग पासवान का हमला और RJD की याद दिलाई पुरानी घटनाएं
इस मामले में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान भी कूद पड़े। उन्होंने एडीजीपी के बयान को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह किसानों को दोष देने की असफल कोशिश है। साथ ही उन्होंने आरजेडी के शासन काल की भी याद दिलाई, जब 1998 में तत्कालीन मंत्री ब्रिज बिहारी प्रसाद की हत्या सरकारी अस्पताल में हुई थी। चिराग ने कहा कि अपराध पर राजनीति करने से पहले सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
अपराध नियंत्रण और जनता की उम्मीदें
बिहार में लगातार बढ़ते अपराध और उस पर आए विवादास्पद बयानों ने जनता की चिंता बढ़ा दी है। लोग चाहते हैं कि सरकार अपराध नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बयानबाज़ी से बचा जाए। किसी भी संवेदनशील विषय पर बयान देते समय सोच-समझकर बोलना बेहद जरूरी है ताकि गलतफहमियां न फैलें और जनता का भरोसा बना रहे।