सरकार ने National Highways पर स्थित पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसे संरचनात्मक हिस्सों पर टोल दरों में 50 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है। यह फैसला वाहन चालकों के लिए यात्रा को सस्ता बनाएगा और रोज़ाना सफर करने वालों को बड़ी राहत देगा। यह बदलाव राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 में संशोधन कर लाया गया है।
नया फॉर्मूला क्या कहता है
नई अधिसूचना के अनुसार, टोल शुल्क की गणना के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। पहला, संरचना की लंबाई को दस गुना करके उसे बाकी हाईवे की लंबाई में जोड़कर टोल तय किया जाएगा। दूसरा, पूरी सड़क की लंबाई का पांच गुना लिया जाएगा। इनमें जो भी कम होगा, उसी के आधार पर टोल तय किया जाएगा। यह नई गणना पद्धति संरचनात्मक निर्माण पर टोल भार को संतुलित करने के लिए बनाई गई है।
पुराने नियमों में था ज्यादा भार
अभी तक की नीति के तहत प्रत्येक किलोमीटर के स्ट्रक्चर पर यात्रियों से दस गुना टोल वसूला जाता था। यह व्यवस्था संरचना की ऊंची निर्माण लागत को कवर करने के लिए थी। लेकिन यात्रियों की बढ़ती शिकायतों और ट्रैफिक पर बोझ को देखते हुए सरकार ने इस फॉर्मूले में बदलाव किया है। अब पुलों, अंडरपास और सुरंगों जैसे हिस्सों पर टोल दरें आधी कर दी गई हैं।
FASTag वार्षिक पास भी होगा लॉन्च
यात्रियों को एक और राहत देने के लिए केंद्र सरकार 15 अगस्त 2025 से FASTag वार्षिक पास शुरू करने जा रही है। इस पास की कीमत ₹3000 तय की गई है और यह एक साल या 200 यात्राओं (जो पहले पूरा हो) के लिए वैध होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस पास से यात्रियों को सालाना लगभग ₹7000 की बचत होगी। यह पास केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही मान्य होगा।
लाखों लोगों को होगा सीधा फायदा
यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो रोज़ाना राष्ट्रीय राजमार्गों से सफर करते हैं। ऑफिस जाने वाले कर्मचारी, ट्रक ड्राइवर, बस संचालक और निजी वाहन मालिक इससे प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। सरकार का यह कदम न केवल यात्रा को सस्ता बनाएगा बल्कि ईंधन की बचत और प्रदूषण में भी कमी लाएगा।