Delhi-Noida Metro: दिल्ली-एनसीआर मेट्रो यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब दिल्ली मेट्रो (DMRC) और नोएडा मेट्रो (NMRC) के टिकट एक ही मोबाइल ऐप के जरिए खरीदे जा सकते हैं। इससे यात्रियों को अलग-अलग ऐप और पेमेंट गेटवे की झंझट से छुटकारा मिलेगा। लाइव हिंदुस्तान की खबर के अनुसार, नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन 2 अक्टूबर से दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन और नोएडा की एक्वा लाइन को जोड़ने वाला एयर कंडीशन स्काईवॉक शुरू करने जा रही है। यह स्काईवॉक 420 मीटर लंबा होगा और इसमें मूविंग वॉकवे और लिफ्ट की सुविधा भी होगी। इससे दोनों मेट्रो नेटवर्क के बीच कनेक्टिविटी और सुगम होगी।
स्काईवॉक का खर्च और सुविधाएँ
नोएडा सेक्टर-51 और नोएडा सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के बीच बने इस स्काईवॉक की लागत 40 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस स्काईवॉक की तैयारी 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसमें 0.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलने वाला ट्रैवलाटर भी लगाया गया है, जो यात्रियों को आने-जाने में मदद करेगा। इस सुविधा से यात्रियों को मेट्रो स्टेशनों तक पहुँचने में समय की बचत होगी और भीड़भाड़ में आराम मिलेगा।
टिकट अब ऐप के जरिए आसान
खबर के अनुसार, नोएडा और दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्री अब NMRC ऐप पर दिल्ली मेट्रो के टिकट और DMRC के सारथी ऐप पर नोएडा मेट्रो के टिकट खरीद पाएंगे। यह सुविधा यात्रियों के लिए काफी आसान और सुविधाजनक होगी। लंबे समय से यात्रियों की इस मांग को देखते हुए नोएडा मेट्रो और दिल्ली मेट्रो ने यह निर्णय लिया है। ऐप के जरिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और UPI के माध्यम से QR कोड टिकट खरीदने का विकल्प उपलब्ध होगा।
एक ही QR कोड में यात्रा की योजना
NMRC के एमडी ने बताया कि आने वाले दिनों में हम इस दिशा में काम कर रहे हैं ताकि एक ही QR कोड टिकट के जरिए दिल्ली और नोएडा मेट्रो दोनों में यात्रा की जा सके। यदि यह संभव हो गया तो यह दोनों मेट्रो नेटवर्क के यात्रियों के लिए बहुत बड़ी सुविधा होगी। इससे यात्रियों को टिकट खरीदने और चेकिंग प्रक्रिया में समय की बचत होगी।
मेट्रो यात्रियों के लिए उम्मीद
यह कदम दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो यात्रियों के लिए बहुत बड़ी राहत और सुविधा लेकर आया है। स्काईवॉक की सुविधा और एक ही ऐप से टिकट खरीदने की सुविधा से यात्रियों की यात्रा आसान, तेज और आरामदायक होगी। आने वाले समय में इस सुविधा के पूरी तरह से लागू होने से मेट्रो नेटवर्क के बीच कनेक्टिविटी और यात्रियों की संतुष्टि में वृद्धि होगी।