AIMIM प्रमुख Asaduddin Owaisi ने एक जनसभा के दौरान केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला और वक्फ कानून को ‘मस्जिदें, दरगाहें और कब्रिस्तान छीनने का हथियार’ बताया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में कहा कि यह कानून इस तरह से बनाया गया है कि अब वक्फ बोर्ड किसी भी धार्मिक संपत्ति का मालिक नहीं रह गया बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) उसका मालिक बन गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुरनूल की गोल गुम्बद दरगाह पर अब वक्फ बोर्ड का अधिकार नहीं रहा।
TDP और जनसेना पर साधा निशाना
ओवैसी ने ना सिर्फ केंद्र सरकार को घेरा बल्कि एनडीए के घटक दलों पर भी तीखा वार किया। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के पवन कल्याण को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई आवाज नहीं उठाई है। ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वो वक्फ, शरीयत और संविधान के मसले पर कोई समझौता न करें और ऐसे दलों को समर्थन देना बंद कर दें।
.@AIMPLB_Official ki janib se Waqf Act 2025 ke khilaf Kurnool, Andhra Pradesh mein protest public meeting | Barrister @asadowaisi ka awaam se khitab. pic.twitter.com/mWxg0EhnMX
— AIMIM (@aimim_national) June 30, 2025
कांवड़ यात्रा से पहले दिख रही सख्ती पर सवाल
उत्तर प्रदेश में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर भी ओवैसी ने सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और कुछ संगठन इस यात्रा के दौरान अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोग एक दुकान पर गए और दुकानदार से उसका नाम पूछा। जब दुकानदार ने नाम बताने से इनकार किया तो उससे आधार कार्ड मांग लिया गया। बाद में जब पता चला कि उसका नाम गोपाल है, तो सब चुप हो गए।
नफरत की राजनीति पर जताई चिंता
ओवैसी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि देश में सांप्रदायिक नफरत तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अब किसी व्यक्ति का नाम ही उसके साथ दुर्व्यवहार की वजह बन गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें संविधान और आपसी भाईचारे की रक्षा करनी चाहिए। ओवैसी ने इसे लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए गंभीर खतरा बताया।
शरीयत और मस्जिदों के लिए एकजुटता की अपील
अपने भाषण के अंत में ओवैसी ने मुसलमानों से अपील की कि चाहे वो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ें हों, लेकिन जब बात शरीयत, मस्जिद और संविधान की हो तो सबको एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अभी नहीं जागे, तो आने वाले समय में हमारी धार्मिक आज़ादी और संपत्तियां छीन ली जाएंगी।