Arunoday Singh: बॉलीवुड में ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने अभिनय में सफलता पाने के बाद राजनीति की ओर रुख किया, जबकि कुछ ऐसे भी सितारे हैं जिन्होंने विरासत में मिली राजनीति को छोड़कर बॉलीवुड को अपनाया। बॉलीवुड अभिनेता अरुणोदय सिंह भी उन्हीं सितारों में से एक हैं, जिन्होंने एक प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा और राजनीति को अलविदा कहा। इस लेख में हम आपको अरुणोदय सिंह के जीवन के कुछ विशेष पहलुओं के बारे में बताएंगे।
अरुणोदय सिंह का परिवार और राजनीति से जुड़ा अतीत
अरुणोदय सिंह का जन्म 17 फरवरी 1983 को मध्य प्रदेश के सिधी जिले में एक बड़े राजनीतिक परिवार में हुआ था। उनके दादा अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे, जबकि उनके पिता अजय सिंह ने अपने इलाके से पांच बार विधायक के रूप में कार्य किया। इस प्रकार अरुणोदय सिंह का पारिवारिक इतिहास राजनीति से गहरा जुड़ा हुआ था। लेकिन, अरुणोदय का झुकाव हमेशा अभिनय की ओर था। उन्होंने बचपन से ही अभिनय के प्रति अपनी रुचि दिखानी शुरू कर दी थी, और राजनीति के बजाय फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का सपना देखा।
अरुणोदय सिंह की बॉलीवुड में एंट्री
अरुणोदय सिंह ने 2009 में फिल्म “सिकंदर” से बॉलीवुड में कदम रखा। हालांकि इस फिल्म से उन्हें ज्यादा पहचान नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें “आइशा”, “मिर्च”, “ये साली जिंदगी” और “जिस्म 2” शामिल हैं। इन फिल्मों में उनका काम सराहा गया, लेकिन उनका नाम ज्यादा नहीं फैल पाया।
अरुणोदय को असल पहचान 2014 में आई फिल्म “मैं तेरा हीरो” से मिली। इस फिल्म में उन्होंने एक खलनायक का किरदार निभाया था, जो दर्शकों के बीच काफी चर्चा का विषय बना। उनकी अदाकारी और किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा और इस फिल्म के बाद अरुणोदय सिंह को पहचान मिलने लगी। इस फिल्म के बाद उन्होंने खलनायक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना ली।
अरुणोदय सिंह की OTT सफलता
आजकल बॉलीवुड में अभिनेता सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं। अरुणोदय सिंह ने भी इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने “अपहरण” और “काली-काली आंखें” जैसी चर्चित वेब सीरीज में अभिनय किया है, जहां उनकी परफॉर्मेंस ने उन्हें काफी प्रशंसा दिलाई। इन दोनों सीरीज में उनकी भूमिकाओं ने उन्हें एक मंझे हुए अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
अरुणोदय सिंह का निजी जीवन
अरुणोदय सिंह की निजी जिंदगी भी मीडिया में खूब चर्चा का विषय रही है। अभिनेता ने 2016 में अपनी विदेशी प्रेमिका ली एल्टन से शादी की थी। हालांकि, यह शादी ज्यादा समय नहीं चल पाई। केवल तीन साल में ही दोनों के रिश्ते में दरार आ गई और 2019 में उनका तलाक हो गया।
शादी के टूटने का कारण: कुत्तों के बीच लड़ाई
अरुणोदय और ली के तलाक के कारण की चर्चा ने सभी को चौंका दिया था। इस तलाक के पीछे जो वजह सामने आई, वह थी कुत्तों के बीच लड़ाई। दरअसल, अरुणोदय और ली ने अपने पसंदीदा कुत्ते पाले थे, लेकिन यह कुत्ते अक्सर आपस में लड़ते रहते थे। इन कुत्तों की लड़ाई से उनकी शादीशुदा जिंदगी में तनाव पैदा हुआ और यह तनाव इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। समय के साथ यह तनाव इतना बढ़ा कि मामला तलाक तक पहुँच गया।
अरुणोदय ने इस मामले को लेकर भोपाल की पारिवारिक अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी, जिसे लेकर काफी सुर्खियाँ बनीं। इस तरह से, कुत्तों की लड़ाई के कारण अरुणोदय सिंह और उनकी पत्नी के रिश्ते का अंत हो गया।
अरुणोदय सिंह का बॉलीवुड करियर और भविष्य
अरुणोदय सिंह का बॉलीवुड करियर अब तक मिश्रित रहा है। कुछ फिल्मों में उन्हें सफलता मिली, जबकि कुछ फिल्मों में वह अपनी छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए। लेकिन उनकी शख्सियत और अभिनय की खासियत उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है। वे अब फिल्मों से ज्यादा OTT प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय नजर आ रहे हैं, जहां उनकी कार्यशैली को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं।
उनकी आने वाली परियोजनाओं के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं आई है, लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह आने वाले समय में और भी बेहतरीन किरदारों के साथ दर्शकों का दिल जीतेंगे।
अरुणोदय सिंह बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अभिनय के प्रति अपनी रुचि को प्राथमिकता दी और विरासत में मिली राजनीति को छोड़ दिया। उनका बॉलीवुड करियर अब तक मिलाजुला रहा है, लेकिन वे OTT प्लेटफॉर्म्स पर अपने अभिनय से एक नया मुकाम हासिल कर रहे हैं। उनकी निजी जिंदगी की चर्चा भी मीडिया में रही, और उनकी शादी का टूटना एक दिलचस्प कहानी बनकर सामने आया। कुत्तों की लड़ाई की वजह से हुए तलाक ने यह सिद्ध कर दिया कि कभी-कभी छोटे कारण भी रिश्तों को तोड़ने के लिए पर्याप्त होते हैं।
अंततः, अरुणोदय सिंह ने साबित किया है कि जीवन में चाहे राजनीति हो या अभिनय, अपने दिल की सुनकर ही सही दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं।