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Thursday, June 26, 2025
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Perplexity AI को लेकर Apple और Meta की टक्कर, स्टार्टअप के पीछे क्यों मची है टेक वॉर की होड़?

Perplexity AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का बाजार इन दिनों पूरे शबाब पर है। Google, Microsoft, X और OpenAI के बाद अब Apple और Meta भी इस रेस में तेजी से कूद पड़ी हैं। अब ये दोनों दिग्गज टेक कंपनियां एक भारतीय मूल के उद्यमी द्वारा शुरू की गई कंपनी Perplexity AI को खरीदने की होड़ में हैं। Silicon Valley में इस समय जो सबसे चर्चित स्टार्टअप है, वो है Perplexity AI, जिसे खरीदने के लिए कई कंपनियां करोड़ों डॉलर की बोली लगाने को तैयार हैं।

Meta ने दिया बड़ा ऑफर, Apple भी होड़ में

हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि Meta ने Perplexity AI को खरीदने के लिए बड़ा ऑफर दिया है। मार्क जुकरबर्ग की कंपनी पहले ही Scale AI में करीब $14.3 बिलियन (1.23 लाख करोड़ रुपये) का निवेश कर चुकी है। वहीं Apple भी पीछे नहीं है। Apple ने हाल ही में अपने iPhone 16 सीरीज में OpenAI की ChatGPT आधारित ‘Apple Intelligence’ लॉन्च की है लेकिन Google से पीछे चलने की वजह से वह अब किसी इनोवेटिव कंपनी को खरीदकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।

Perplexity AI को लेकर Apple और Meta की टक्कर, स्टार्टअप के पीछे क्यों मची है टेक वॉर की होड़?

Perplexity AI क्यों बना कंपनियों का पसंदीदा?

Perplexity AI की खास बात यह है कि यह एक AI-driven सर्च इंजन और चैटबॉट है, जो उपयोगकर्ताओं को बेहद सहज और सटीक जानकारी प्रदान करता है। यह Large Language Model (LLM) ‘Sonar’ पर आधारित है, जिसकी गुणवत्ता और सटीकता को लेकर दुनियाभर में तारीफ हो रही है। Perplexity AI की टीम में अनुभवी एआई रिसर्चर और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ मौजूद हैं, जैसे Andy Konvinsky, Dennis Yarats और Johnny Ho। कंपनी के 15 मिलियन यानी 1.5 करोड़ यूजर्स हैं जो इसे तेजी से उभरते हुए एआई टूल्स में से एक बनाते हैं।

भारतीय मूल के युवा की चमकदार उपलब्धि

इस स्टार्टअप की सबसे खास बात यह है कि इसे 2022 में भारतीय मूल के युवा उद्यमी अरविंद श्रीनिवास ने शुरू किया था। वह इस समय कंपनी के सीईओ भी हैं। अरविंद का यह स्टार्टअप कुछ ही वर्षों में इतना बड़ा बन गया है कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियां इसे खरीदना चाहती हैं। उनकी इस कामयाबी ने ना सिर्फ भारत का नाम रोशन किया है बल्कि यह भी दिखाया है कि भारतीय टैलेंट वैश्विक स्तर पर एआई के क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है।

आगे क्या होगा? Apple या Meta में से कौन बनेगा मालिक?

अब सवाल यह है कि आखिर Perplexity AI को कौन खरीदेगा? क्या यह Apple के हाथ लगेगा जो एआई की रेस में तेजी से आगे बढ़ना चाहता है या फिर Meta इसका इस्तेमाल कर अपने AI डिवीजन को और मजबूत बनाएगा? फिलहाल तो दोनों कंपनियां जोरशोर से इसकी खरीदारी की कोशिश में हैं लेकिन आखिरी फैसला अभी आना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि Perplexity AI इस समय एआई की दुनिया का सबसे बड़ा ‘कीमती रत्न’ बन चुका है।

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