बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता Anupam Kher ने अपनी मेहनत और लगन से आज जो मुकाम हासिल किया है वह हर किसी के बस की बात नहीं। थिएटर से लेकर बड़े पर्दे तक उन्होंने लंबा सफर तय किया है। जब वे मुंबई आए तो उनके पास न काम था न पैसा और न ही खाने के लिए अच्छा भोजन। ऐसे हालातों में उन्होंने न सिर्फ खुद को संभाला बल्कि अपने सपनों को भी ज़िंदा रखा।
जब बिना बुलावे की शादियों में खाने जाते थे अनुपम और सतीश
हाल ही में एक शो ‘आपकी अदालत’ में अनुपम खेर ने अपने संघर्ष के दिनों की एक मज़ेदार कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे वह और उनके दोस्त सतीश कौशिक अच्छे खाने के लिए बिना बुलावे की शादियों में जाया करते थे। अनुपम ने एक अंग्रेज़ जैसे दिखने वाला सफेद सूट एक नाटक से बचाकर रखा था और वही पहनकर सतीश उन्हें शादी में ले जाते थे और कहते थे कि ये जर्मनी के लेखक हैं। इस बहाने वे लोग शादी में घुसकर जलेबी और कचौरी खाते थे।
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एनएसडी से लेकर मुंबई तक का सफर
अनुपम खेर ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से पढ़ाई पूरी की और फिर कुछ समय चंडीगढ़ में बिताया। इसके बाद उन्होंने मुंबई की राह पकड़ी जहां उन्हें काम की तलाश में कई दरवाजे खटखटाने पड़े। लेकिन उनकी किस्मत तब बदली जब महेश भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म ‘सारांश’ में मौका दिया। महज़ 27 साल की उम्र में उन्होंने 60 साल के बुज़ुर्ग का किरदार निभाया और फिल्म सुपरहिट साबित हुई।
सुपरहिट फिल्मों का सफर
‘सारांश’ के बाद अनुपम खेर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने ‘कर्मा’, ‘तेज़ाब’, ‘दिल’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘राम लखन’, ‘डर’, ‘चांदनी’, ‘शोला और शबनम’, ‘विवाह’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में शानदार अभिनय किया। चाहे कॉमेडी हो या गंभीर किरदार, अनुपम हर भूमिका में जान डाल देते हैं।
‘तन्वी द ग्रेट’ से निर्देशन और प्रोडक्शन में कदम
अब अनुपम खेर अपने होम प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ लेकर आए हैं जो 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म का निर्देशन भी उन्होंने खुद किया है और वे इसमें अभिनय भी कर रहे हैं। यह फिल्म एक भावनात्मक कहानी पर आधारित है और दर्शकों में इसे लेकर काफी उत्साह है।