Anjana Krishna controversy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अध्यक्ष अजीत पवार इन दिनों सुर्खियों में हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अजीत पवार फोन पर आईपीएस अंजना कृष्णा को फटकारते दिखाई दिए और अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए कहा। इस वीडियो के सामने आने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मच गई। विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने शनिवार को अजीत पवार पर निशाना साधा। वीडियो वायरल होने के बाद अजीत पवार ने सफाई पेश की और शुक्रवार को कहा कि उनका इरादा किसी पर दबाव डालने का नहीं था, बल्कि वह केवल तनावपूर्ण स्थिति को कम करने की कोशिश कर रहे थे।
एमएलसी अमोल मिटकरी पर उठे सवाल
इस मामले में एनसीपी के एमएलसी और पार्टी प्रवक्ता अमोल मिटकरी भी निशाने पर आ गए। मिटकरी ने उस आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जातीय दस्तावेजों की जांच के लिए यूपीएससी को पत्र भेजा। इसके बाद विपक्ष ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। विवाद बढ़ने पर एमएलसी मिटकरी ने अपना पोस्ट हटा दिया और माफी मांगी। उन्होंने लिखा कि, “मैं सोलापुर घटना के संबंध में अपना पोस्ट बिना शर्त वापस लेता हूं और खेद व्यक्त करता हूं। यह मेरी व्यक्तिगत राय थी, पार्टी की नहीं। मैं पुलिस बल और ईमानदारी से सेवा करने वाले अधिकारियों का सम्मान करता हूं।”
IPS officer Anjana Krishna from Solapur Rural Police went to take action against illegal sand mining after villagers complained about illegal sand mining.
A local NCP member at the spot called up Ajit Pawar and made the officer to speak to him. Another villager recorded the call… pic.twitter.com/A9On8JZ30J
— Congress Kerala (@INCKerala) September 5, 2025
सोलापुर घटना और वायरल वीडियो
घटना 31 अगस्त को हुई थी। उस दिन राजस्व विभाग के अधिकारी और आईपीएस अंजना कृष्णा सोलापुर जिले के कपरे वस्ती में अवैध खुदाई के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे थे। तभी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का फोन आया। इस कॉल का वीडियो वायरल हो गया और विवाद बढ़ता गया। वीडियो में दिख रहा था कि अजीत पवार अधिकारी को निर्देश दे रहे थे, जिससे राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई।
विपक्ष ने एनसीपी पर साधा निशाना
अब विपक्ष ने एनसीपी को इस मामले में आड़े हाथों लिया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अजीत पवार का वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस बल और महिला अधिकारियों का उच्चतम सम्मान है और कानून-व्यवस्था सर्वोपरि है। लेकिन उसी समय एमएलसी मिटकरी ने यूपीएससी को पत्र भेज कर आईपीएस अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जातीय दस्तावेजों की जांच की मांग की। प्रियंका ने सवाल उठाया कि क्या मिटकरी को पता है कि उनके पोस्ट और हैंडल पर क्या हो रहा है।
कांग्रेस और विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक यशोमती ठाकुर ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत निंदनीय है कि एक एनसीपी नेता, जो खुद को शिवाजी-शाहू-फुले-आंबेडकर के विचारों का अनुयायी बताता है, एक महिला आईपीएस अधिकारी के जाति पर टिप्पणी तक कर गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर मिटकरी को अचानक अंजना कृष्णा के दस्तावेजों की याद क्यों आई। राजनीतिक गलियारों में यह विवाद अब भी गरमाता हुआ नजर आ रहा है।