आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ChatGPT के उपयोगकर्ताओं के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन दिखाए जाते हैं, उसी तरह अब ChatGPT में भी विज्ञापन और स्पॉन्सर्ड सुझाव आने वाले हैं. इसकी टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन कई लीक से यह जानकारी सामने आई है कि OpenAI इसके लिए तैयारी कर रहा है.
Beta वर्जन में मिले विज्ञापन से जुड़े कोड्स
रिपोर्ट्स के मुताबिक ChatGPT ऐप के बीटा वर्जन में विज्ञापन से जुड़े कोड्स पाए गए हैं. ऐप के बंडल में “Search Ads”, “Search Ad Carousel”, और “Market Content Appearance” जैसे शब्द देखे गए हैं. इससे स्पष्ट होता है कि OpenAI चैट के दौरान प्रमोटेड और स्पॉन्सर्ड कंटेंट दिखाने की योजना बना रहा है. हालांकि पारंपरिक बैनर विज्ञापन नहीं होंगे, बल्कि संदर्भ आधारित सुझाव के रूप में विज्ञापन मिलेंगे.

संदर्भ आधारित सुझाव से बढ़ेगा विज्ञापन प्रभाव
खबरों में कहा गया है कि अगर कोई यूजर कोई प्रोडक्ट खरीदता है या तुलना करता है, तो उसे स्पॉन्सर्ड लिंक सुझाव के रूप में दिखाए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि चैट के बीच में उपयोगकर्ता को बिना बैनर के विज्ञापन मिलेंगे जो उनकी बातचीत के संदर्भ से जुड़े होंगे. यह तरीका ज्यादा सहज और आकर्षक होगा, लेकिन इससे यूजर एक्सपीरियंस पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है.
OpenAI का मकसद ChatGPT को मुनाफा देना
OpenAI अब ChatGPT को मुनाफे का जरिया बनाना चाहता है ताकि बढ़ते खर्चों को पूरा किया जा सके. कंपनी का अनुमान है कि 2030 तक इसके 2.6 बिलियन साप्ताहिक यूजर्स में से 8.5 प्रतिशत यानी करीब 220 मिलियन लोग ChatGPT का प्रीमियम वर्जन खरीदेंगे. फिलहाल, करीब 5 प्रतिशत यूजर्स यानी 35 मिलियन ही Plus और Pro जैसे पैकेज का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनकी कीमत भारत में ₹1,999 से ₹19,900 प्रति माह है.
भविष्य में बढ़ेगा पेड यूजर बेस. नई रणनीति का असर
OpenAI का मानना है कि अभी शुरुआत है और भविष्य में प्रीमियम सर्विसेज का यूजर बेस और बढ़ेगा. विज्ञापन और स्पॉन्सर्ड सुझावों को शामिल करने की यह रणनीति कंपनी की आमदनी बढ़ाने की कोशिश है. हालांकि यह बदलाव यूजर एक्सपीरियंस पर किस तरह का असर डालेगा यह अभी देखने वाली बात है. ऐसे में ChatGPT के उपयोगकर्ता अब आने वाले समय में नई चुनौतियों और बदलावों के लिए तैयार रहें.

