8th Pay Commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 8वें वेतन आयोग के लिए Terms of Reference को मंजूरी दे दी है। यह आयोग अस्थायी स्वरूप का होगा और इसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य सचिव शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजन प्रकाश देसाई करेंगी। आयोग अपनी सिफारिशें गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर सरकार को सौंपेगा। जरूरत पड़ने पर यह आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है।
किस पर आधारित होंगी सिफारिशें
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखकर तैयार की जाएंगी। इसमें सरकारी राजस्व और व्यय के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत को प्राथमिकता दी जाएगी। आयोग इस बात पर भी विचार करेगा कि विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें। इसके अलावा, बिना योगदान वाली पेंशन योजनाओं की लागत और राज्यों की वित्तीय स्थिति पर संभावित प्रभाव का भी आकलन किया जाएगा। आयोग केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र में कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं की तुलना भी करेगा।

क्यों गठित किया जाता है वेतन आयोग
केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर गठित किए जाते हैं ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, पेंशन लाभ और सेवा शर्तों की समीक्षा की जा सके। आमतौर पर हर दस साल में नया आयोग गठित किया जाता है। इसी परंपरा के तहत 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने इसके गठन की घोषणा की थी। इस आयोग की सिफारिशों से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
कितनी बढ़ेगी सैलरी कर्मचारियों की
सरकार ने आधिकारिक वेतन संरचना की घोषणा नहीं की है, लेकिन अनुमान है कि कर्मचारियों को औसतन 14 से 18 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि मिल सकती है। यह वृद्धि फिटमेंट फैक्टर 2.86 पर आधारित होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का वेतन ₹1 लाख है तो ₹1.75 लाख करोड़ के बजट आवंटन के अनुसार यह ₹1.14 लाख तक बढ़ सकता है। अगर आवंटन ₹2 लाख करोड़ हुआ तो वेतन ₹1.16 लाख और ₹2.25 लाख करोड़ हुआ तो ₹1.18 लाख प्रति माह तक बढ़ सकता है।
सरकारी कर्मचारियों में उत्साह की लहर
8वें वेतन आयोग की मंजूरी के बाद सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में खुशी की लहर है। पिछले कुछ महीनों से इस आयोग को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार के फैसले ने उन्हें राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिया है कि आयोग की अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद क्रियान्वयन की तारीख तय की जाएगी। माना जा रहा है कि जनवरी 2026 से नया वेतन ढांचा लागू कर दिया जाएगा जिससे लाखों कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उपभोग स्तर में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

