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Saturday, December 20, 2025
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UMEED portal पर 10,869 वक्फ संपत्तियां वेरिफिकेशन में अस्वीकृत, सरकार ने तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की।

UMEED portal: देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और डिजिटल दस्तावेजीकरण के लिए शुरू किए गए UMEED पोर्टल पर कुल 5.17 लाख वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हो चुकी हैं। इनमें से 2.16 लाख संपत्तियों को मंजूरी भी मिल चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने जारी की है। UMEED पोर्टल का शुभारंभ केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 6 जून, 2025 को किया था। इस पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया छह महीनों के अंदर पूरी करनी थी। पंजीकरण की जांच के दौरान 10,869 संपत्तियों को अस्वीकार भी किया गया।

सरकार ने प्रशिक्षण कार्यशालाओं और समीक्षा बैठकों का आयोजन किया

UMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो गई। मंत्रालय ने बताया कि अंतिम दिनों में संपत्तियों के पंजीकरण की संख्या में तेजी आई। सरकार ने संपत्ति पंजीकरण को सुगम बनाने के लिए कई समीक्षा बैठकें और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कीं। दिल्ली में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्ड और अधिकारियों को पोर्टल पर संपत्तियां अपलोड करने की प्रक्रिया समझाई गई। इसके साथ ही, तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर और सपोर्ट टीम भी उपलब्ध कराई गई ताकि किसी भी परेशानी का समाधान तुरंत किया जा सके।

UMEED portal पर 10,869 वक्फ संपत्तियां वेरिफिकेशन में अस्वीकृत, सरकार ने तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की।

उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां पंजीकृत

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, UMEED पोर्टल पर सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश से पंजीकृत हुईं, जिनकी संख्या 92,830 है। इनमें से 86,345 संपत्तियां सुन्नी समुदाय द्वारा पंजीकृत हैं जबकि 6,485 संपत्तियां शिया समुदाय की हैं। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र ने 62,939, कर्नाटक ने 58,328 और पश्चिम बंगाल ने 23,086 वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर पंजीकृत कराया है। यह आंकड़े देश के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में डिजिटलरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

डिजिटल दस्तावेजीकरण से होगा पारदर्शी प्रबंधन

UMEED पोर्टल पर संपत्तियों के पंजीकरण से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। इससे वक्फ संपत्तियों की स्थिति, उनका उपयोग और संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। डिजिटल दस्तावेजीकरण के कारण संपत्तियों की निगरानी और रखरखाव बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। यह पहल वक्फ बोर्डों को अधिक संगठित और जिम्मेदार बनाने में मदद करेगी।

आगे की योजनाएं और संभावनाएं

सरकार ने कहा है कि UMEED पोर्टल पर पंजीकरण के बाद संपत्तियों का नियमित ऑडिट और समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, भविष्य में और भी कई डिजिटल उपकरण विकसित किए जाएंगे ताकि वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। इससे न केवल वक्फ संपत्तियों का संरक्षण होगा बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए भी संसाधनों का सही उपयोग होगा। इस पहल से वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और विवादों को कम करने में मदद मिलेगी, जो देश के सामाजिक और धार्मिक संतुलन के लिए भी आवश्यक है।

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