टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले एक ऐसा कदम उठाया जिसने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने गुरुग्राम स्थित अपने आलीशान बंगलों का जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (GPA) अपने बड़े भाई, विकास कोहली को सौंप दिया। इसके बाद अफवाहें फैलने लगीं कि विराट ने अपना 80 करोड़ रुपये का बंगला अपने भाई के नाम कर दिया है।
विकास कोहली ने तोड़ी अफवाहें
इन अफवाहों के बीच विकास कोहली ने इंस्टाग्राम पर स्पष्ट बयान देते हुए कहा, “आजकल इतनी गलत जानकारी और फेक न्यूज फैलने पर मुझे हैरानी नहीं होती। कुछ लोग इतने फ्री हैं कि इन्हें फैलाते रहते हैं। आप सभी को शुभकामनाएं।” इसके साथ उन्होंने यह साफ कर दिया कि विराट का बंगला उनके नाम नहीं हुआ है और यह केवल प्रॉपर्टी मैनेजमेंट के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी है।
Virat Kohli's brother's latest Instagram story. pic.twitter.com/1yvtMPplQy
— Tanuj (@ImTanujSingh) October 17, 2025
मामला क्या है?
वास्तव में, विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों का निवास लंदन में है। इसलिए वह अक्सर भारत आकर अपने प्रॉपर्टी मामलों को देख नहीं सकते। इसी वजह से उन्होंने अपने भाई विकास कोहली को बंगलों के सभी प्रॉपर्टी मामलों का प्रबंधन करने के लिए कानूनी अधिकार दिए। इस कदम से प्रॉपर्टी से जुड़े सभी कानूनी और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सकेंगे।
पॉवर ऑफ अटॉर्नी क्या है?
पॉवर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें कोई व्यक्ति (Principal) किसी अन्य व्यक्ति (Agent/Attorney) को अपने behalf पर कुछ विशेष या सामान्य कार्य करने का अधिकार देता है। यह अधिकार संपत्ति, बैंकिंग या किसी अन्य कानूनी मामले से जुड़ा हो सकता है। जब Principal किसी को पॉवर ऑफ अटॉर्नी देता है, तो Agent को वह पूरा अधिकार प्राप्त होता है कि वह Principal की तरह फैसले ले सके। इसके द्वारा लिए गए निर्णय Principal पर बाध्यकारी होते हैं।
कानूनी सुरक्षा और पारिवारिक भरोसा
विराट कोहली द्वारा यह कदम सिर्फ कानूनी दृष्टि से सही नहीं है बल्कि पारिवारिक भरोसे का भी प्रतीक है। पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से विकास कोहली को बंगले के सभी प्रशासनिक और कानूनी कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। इससे विराट कोहली अपने खेल और परिवार पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि उनके भाई यह जिम्मेदारी संभालते हैं। यह कदम दर्शाता है कि कानूनी दस्तावेज और पारिवारिक सहयोग मिलकर कैसे संपत्ति प्रबंधन को आसान और सुरक्षित बनाते हैं।

