Tirupati Laddu Ghee Scam: तेलुगु भगवान वेंकटेश्वर के प्रसाद लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई की जांच में पता चला कि उत्तराखंड की एक डेयरी ने पिछले पांच सालों में तिरुपति मंदिर को करीब ६.८ मिलियन किलो नकली घी सप्लाई किया है। इस घी की अनुमानित कीमत करीब ₹२५० करोड़ बताई जा रही है। यह मामला न केवल आर्थिक घोटाले का है बल्कि लाखों भक्तों की आस्था को भी चोट पहुंचाने वाला है।
कैसे हुआ नकली घी का निर्माण और सप्लाई?
जांच में सामने आया कि इस घी को बनाने वाली डेयरी का नाम भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी है। इस डेयरी ने कभी दूध या मक्खन खरीदा ही नहीं बल्कि रासायनिक पदार्थों से नकली घी बनाया। मोनोडायग्लिसराइड्स और एसेटिक एसिड एस्टर जैसे रसायनों का इस्तेमाल कर नकली घी तैयार किया गया। आरोप है कि आरोपी अजय कुमार सुगंध ने इन रसायनों की सप्लाई की और लंबे समय तक डेयरी के निदेशक पोमिल जैन और विपिन जैन के साथ मिलकर यह घोटाला किया।

फर्जी कागजात और कंपनी बदलकर सप्लाई
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भोले बाबा डेयरी ने दूध खरीदने के झूठे रिकॉर्ड भी बनाए। २०२२ में इस डेयरी को ब्लैकलिस्ट किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अन्य कंपनियों जैसे वैष्णवी डेयरी (तिरुपति), मल गंगा डेयरी (उत्तर प्रदेश), और एआर डेयरी फूड्स (तमिलनाडु) के नाम से नकली घी सप्लाई करना जारी रखा। जांच में यह भी पता चला कि जुलाई २०२३ में तिरुपति मंदिर ने चार टैंकरों नकली घी को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन भोले बाबा डेयरी ने लेबल बदलकर फिर से उन्हें मंदिर भेज दिया।
अखाड़ा बदला, मंदिर तक पहुंचा गंदा घी
तमिलनाडु के डिंडीगुल में एफएसएसएआई और सीबीआई की टीम ने जब एआर डेयरी के प्लांट का निरीक्षण किया, तो पता चला कि अस्वीकार किया गया नकली घी स्थानीय पत्थर क्रशिंग यूनिट में भेजा गया। अगस्त २०२४ में वैष्णवी डेयरी ने उसी घी को फिर से प्रोसेस किया, लेबल बदले और फिर से तिरुपति मंदिर भेजा। इस घी का इस्तेमाल भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू प्रसाद में किया गया। सीबीआई ने इस मामले को केवल धोखाधड़ी नहीं बल्कि धार्मिक आस्था से जुड़ा गंभीर अपराध करार दिया है और जांच कर रही है कि कौन से तिरुपति देवस्थानम के अधिकारी इस घोटाले में शामिल थे।
लड्डू मिलावट केस और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
यह विवाद पिछले साल तब उभरा था जब लड्डू में मिलावट की खबरें आईं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने कहा था कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। कोर्ट ने विशेष जांच दल (SIT) जांच का आदेश दिया था। मंदिर प्रबंधन ने भी दावा किया था कि अब श्री वेंकटेश्वर स्वामी के लड्डू पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र हैं। लेकिन यह घोटाला भक्तों की आस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

