Tata Electronics कंपनी ने अमेरिका को iPhone निर्यात कर बड़े मुनाफे कमाए हैं, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% शुल्क लगाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अमेरिका को ₹23,112 करोड़ मूल्य के iPhone सप्लाई किए, जो कंपनी की कुल iPhone निर्यात आय का लगभग 37% है। अमेरिका के बाद आयरलैंड दूसरा सबसे बड़ा बाजार है, जहां टाटा ने ₹14,255 करोड़ मूल्य के iPhones सप्लाई किए। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
अमेरिका और अन्य देशों को सप्लाई
पिछले वित्तीय वर्ष में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने iPhone निर्यात में अमेरिका के बाद आयरलैंड को सर्वाधिक सप्लाई की। आयरलैंड ने कंपनी की कुल आय का 23% योगदान दिया। इसके अलावा, ताइवान में निर्यात ने 15% योगदान किया, जबकि घरेलू बाजार से प्राप्त राजस्व कुल आय का 20% रहा। टाटा ग्रुप की यह रिपोर्टिंग कंपनी की वित्तीय मजबूती और वैश्विक विस्तार की दिशा को दर्शाती है।

चीन से भारत की ओर सप्लाई चेन शिफ्ट
iPhone निर्यात में तेज वृद्धि यह संकेत देती है कि Apple ने ट्रंप के शुल्क लगाने से पहले ही अमेरिका के लिए उत्पादन चीन से भारत में शिफ्ट कर दिया था। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और ताइवान की फॉक्सकॉन (Hon Hai) भारत में iPhone के प्रमुख निर्माता हैं। टाटा ने मार्च 2024 में विस्ट्रॉन यूनिट को खरीद कर दो प्लांट्स से iPhone असेंबली और निर्यात शुरू किया। इससे भारत iPhone उत्पादन का बड़ा केंद्र बन गया है।
राजस्व और मुनाफे में उछाल
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स ने मार्च 2025 तक 15 महीनों में कुल ₹75,367 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो 2023 में ₹14,350 करोड़ था। नेट प्रॉफिट ₹36 करोड़ से बढ़कर ₹2,339 करोड़ हुआ। Pegatron Technology India में 60% हिस्सेदारी खरीदने के बाद कंपनी ने 2024-25 में ₹34,264 करोड़ का ऑपरेशन रिवेन्यू दर्ज किया। हालांकि नेट प्रॉफिट केवल 1% बढ़ा, जो इस उद्योग में विस्तार और इंटीग्रेशन लागत का संकेत है।
भारत बने iPhone उत्पादन का केंद्र
विश्लेषकों का मानना है कि भारत में दो iPhone प्लांट्स टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री और मुनाफे को और बढ़ाएंगे। Apple CEO टिम कुक ने बताया कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhones भारत में ही बनाए जाते हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक भूमिका और उत्पादन क्षमता इसे iPhone सप्लाई में प्रमुख बनाती है। आने वाले वर्षों में कंपनी के राजस्व में और वृद्धि की संभावना है, जबकि Foxconn अभी भी प्रमुख निर्माता के रूप में काबिज है।

