Ranji Trophy 2025: रंजी ट्रॉफी 2025 के एक रोमांचक मुकाबले में जम्मू-कश्मीर ने दिल्ली को 7 विकेट से हराकर भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में अपनी नई पहचान बनाई है। यह पहली बार है जब इस 96 साल पुरानी प्रतियोगिता में जम्मू-कश्मीर ने दिल्ली को हराया है। यह जीत न केवल टीम के लिए गर्व की बात है बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि भी है। इस मैच में कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिनमें खासकर कप्तान पारस डोगरा, आकिब नबीन, कमरान इकबाल और वंशराज शर्मा ने टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
कमरान इकबाल ने रन बनाए बटोरकर जीत की चाबी पकड़ी
दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 211 रन बनाए। जवाब में जम्मू-कश्मीर ने अपनी पहली पारी में 310 रन बनाकर अच्छी बढ़त हासिल की। लक्ष्य का पीछा करते हुए, कमरान इकबाल ने 179 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अकेले 133 रन बनाए। उनका यह शानदार प्रदर्शन टीम के जीत के लिए निर्णायक साबित हुआ। कमरान की पारी में न केवल तकनीकी खूबसूरती थी बल्कि धैर्य और मजबूती भी साफ झलक रही थी। इस शानदार पारी की बदौलत जम्मू-कश्मीर ने 7 विकेट से जीत हासिल की।
A monumental victory! 👏
J & K register an impressive 7⃣-wicket win against Delhi on the back of Qamran Iqbal's knock of 133*(147) 👍
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) November 11, 2025
आकिब नबीन का गेंदबाजी में जबरदस्त प्रदर्शन
दिल्ली की टीम को पहली पारी में अधिक रन बनाने से रोकने में जम्मू-कश्मीर के गेंदबाज आकिब नबीन ने कमाल किया। उन्होंने 5 विकेट लिए और केवल 35 रन दिए। उनके इस प्रदर्शन ने दिल्ली को दबाव में ला दिया था। आकिब के बेहतरीन गेंदबाजी के कारण दिल्ली अपनी पहली पारी में 211 रन तक सीमित रही। इस मैच में आकिब को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी घोषित किया गया।
कप्तान पारस डोगरा की सेंचुरी ने बढ़ाई टीम की उम्मीदें
जम्मू-कश्मीर की पहली पारी में कप्तान पारस डोगरा ने 106 रन की शानदार पारी खेली। उनकी यह पारी टीम को एक मजबूत स्थिति में लेकर आई और दिल्ली के गेंदबाजों को कड़ी चुनौती दी। पारस डोगरा की कप्तानी में टीम ने मजबूती दिखाई और उन्होंने अपने अनुभव का बेहतरीन परिचय दिया। उनकी यह सेंचुरी जीत की नींव साबित हुई।
वंशराज शर्मा ने दूसरी पारी में धमाकेदार गेंदबाजी की
अगर आकिब नबीन ने पहली पारी में धमाल मचाया, तो वंशराज शर्मा ने दूसरी पारी में दिल्ली की टीम को धराशाई कर दिया। उन्होंने अकेले ही 6 विकेट लिए और कुल मिलाकर पूरे मैच में 8 विकेट झटके। वंशराज की यह गेंदबाजी टीम के लिए एक वरदान साबित हुई और उनकी वजह से दिल्ली अपनी दूसरी पारी में केवल 277 रन ही बना पाई। वंशराज शर्मा के इस प्रदर्शन ने जम्मू-कश्मीर को जीत दिलाने में अंतिम झटका दिया।

