बॉलीवुड की “मुन्नी” Malaika Arora अक्सर अपनी फिटनेस और स्टाइल को लेकर चर्चा में रहती हैं। लेकिन जितनी तारीफ उन्हें मिलती है, उतनी ही बार वे सोशल मीडिया पर ट्रोल्स का शिकार भी होती हैं। चाहे उनकी ड्रेसिंग हो, उनकी रिलेशनशिप हो या उनकी निजी जिंदगी—यूजर्स उन्हें लगातार जज करते हैं। हाल ही में मलाइका ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी और बताया कि वह ट्रोल्स और आलोचना से कैसे निपटती हैं।
रिश्तों और कपड़ों पर मिलीं सबसे ज्यादा आलोचनाएं
मलाइका ने खुलासा किया कि जब उनका तलाक अरबाज़ खान से हुआ और बाद में उनका नाम अर्जुन कपूर से जुड़ा तो उन्हें सोशल मीडिया पर काफी आलोचना झेलनी पड़ी। लोग उनके कपड़ों से लेकर उनकी बोलचाल तक हर चीज पर सवाल उठाने लगे। मलाइका कहती हैं कि शुरू में यह सब उनके लिए बेहद मुश्किल था क्योंकि हर कोई उन्हें बताता था कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन समय के साथ उन्होंने यह सीख लिया कि अपनी जिंदगी का नैरेटिव खुद बनाना सबसे जरूरी है।
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“मैंने आलोचना को ताज की तरह पहना”
एक इंटरव्यू में मलाइका ने बताया कि अक्सर लोग उन्हें ‘बहुत बोल्ड’ और ‘बहुत आउटस्पोकन’ कहकर जज करते थे। लेकिन उन्होंने इन लेबल्स को अपने लिए कमजोरी मानने के बजाय अपनी ताकत बना लिया। मलाइका कहती हैं कि अगर किसी को वह ‘बहुत ज्यादा’ लगती हैं तो इसका मतलब है कि वह व्यक्ति उनके लिए ‘पर्याप्त’ नहीं है। उन्होंने इसे सिर पर ताज की तरह पहन लिया और आगे बढ़ गईं।
खुद पर उठे सवालों से होता है आत्म-संशय
मलाइका ने यह भी स्वीकार किया कि कई बार लगातार उठते सवालों और आलोचनाओं की वजह से उन्हें खुद पर शक होने लगता है। वह कहती हैं कि आत्म-संदेह इंसान की फितरत है और यह कभी पूरी तरह खत्म नहीं होता। हांलाकि, अब वह इसे नकारात्मक रूप से नहीं लेतीं। बल्कि कोशिश करती हैं कि इसे आत्म-विकास का हिस्सा बनाएं। यही वजह है कि आज वह और भी ज्यादा आत्मविश्वासी दिखती हैं।
निजी जिंदगी और रिश्तों पर खुलकर बोलीं मलाइका
मलाइका अरोड़ा ने 1998 में सलमान खान के भाई अरबाज़ खान से शादी की थी। दोनों का एक बेटा है, अरहान। साल 2017 में यह रिश्ता टूट गया। इसके बाद मलाइका ने अर्जुन कपूर के साथ अपने रिश्ते को ऑफिशियल किया। लेकिन अब यह रिश्ता भी खत्म हो चुका है। इसके बावजूद मलाइका का कहना है कि वह खुद को और अपने फैसलों को लेकर शर्मिंदा नहीं हैं। जिंदगी में आलोचनाएं तो मिलेंगी लेकिन अपने लिए खड़ा होना ही असली जीत है।

