Goa Taxi App War: गोवा में पारंपरिक टैक्सी चालकों और ऐप आधारित कैब सेवाओं जैसे GoaMiles के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। स्थानीय टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि ऐप सेवाएं कम किराया लेकर उनका कारोबार नुकसान पहुंचा रही हैं और बाजार को असंतुलित कर रही हैं। वहीं, GoaMiles जैसे ऐप दावा करते हैं कि उनकी सेवा पूरी तरह से पारदर्शी और डिजिटल है, जो पर्यटकों को अधिक किराया देने से बचाती है। इस विवाद ने पारंपरिक और आधुनिक व्यापार मॉडल के बीच टकराव की तस्वीर सामने ला दी है।
पर्यटक झेल रहे सबसे ज्यादा कष्ट
इस संघर्ष का सबसे अधिक असर गोवा आने वाले पर्यटकों पर पड़ रहा है। अक्सर एयरपोर्ट, बीच या होटल के बाहर पर्यटक टैक्सी नहीं पा पाते क्योंकि स्थानीय ड्राइवर ऐप आधारित कैब को रोकते हैं। हाल ही में जर्मन ट्रैवल इन्फ्लुएंसर एलेक्जेंडर वेल्नर ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जो तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने बताया कि उन्हें टैक्सी विवाद के कारण काफी दूर तक पैदल चलना पड़ा।
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एलेक्जेंडर वेल्नर का अनुभव
एलेक्जेंडर वेल्नर ने बताया कि उन्होंने गोवा माइल्स ऐप से सस्ती टैक्सी बुक की थी। इसके बाद स्थानीय रिक्शा चालकों ने उनका और उनकी महिला साथी का पीछा किया, जो उन्हें अजीब लगा। उन्होंने कहा, “रिक्शा ड्राइवर 500 रुपये मांग रहे थे, जबकि ऐप के जरिए टैक्सी की कीमत केवल 300 रुपये थी।” यह घटना इस बात का सबूत है कि पारंपरिक और ऐप आधारित सेवाओं के बीच संघर्ष ने पर्यटकों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
डिजिटल बनाम पारंपरिक मॉडल का संघर्ष
गोवा का यह टैक्सी ऐप वॉर केवल व्यवसायियों के बीच विवाद नहीं है, बल्कि यह डिजिटल तकनीक और पारंपरिक व्यवसाय मॉडल के बीच जंग का उदाहरण बन गया है। ऐप कंपनियां स्मार्टफोन एप और जीपीएस ट्रैकिंग जैसे आधुनिक फीचर्स के जरिए पारदर्शिता लाने का दावा करती हैं। वहीं स्थानीय ड्राइवर इसे अपनी आजीविका पर हमला समझते हैं। इस वजह से दोनों पक्षों में तनाव बढ़ रहा है, जिसका खामियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है।
गोवा पर्यटन की छवि पर असर
इस विवाद के कारण गोवा की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंच रहा है। पर्यटक इस खूबसूरत राज्य में आने के बाद यात्रा में परेशान हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें कर रहे हैं। यदि यह समस्या जल्द नहीं सुलझाई गई, तो यह न केवल पर्यटन को प्रभावित करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा। सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस मुद्दे का समाधान निकालें और सभी पक्षों के हितों का संतुलन बनाए रखें।

