अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने अपने देश में ‘गोल्डन एज’ लाने का वादा करते हुए दुनिया भर के देशों पर भारी टैरिफ लगाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उन्होंने भारत पर भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही रूस से तेल आयात पर भी जुर्माना लगाने की बात कही गई है हालांकि उन्होंने इस पर अंतिम निर्णय एक हफ्ते के लिए टाल दिया है।
भारत से दूरी बढ़ा रहे ट्रंप के फैसले
ट्रंप के इस फैसले ने भारत और अमेरिका के बीच के रिश्तों में खटास ला दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दोनों देशों के संबंध और खराब हो सकते हैं। जहां ट्रंप इसे सही ठहरा रहे हैं वहीं ताज़ा आर्थिक आंकड़े इस फैसले की विफलता को उजागर कर रहे हैं।
I've said it before, and I'll say it again;
The biggest problem with Donald Trump's tariff approach is that it has zero consideration to geopolitical strategy.
Trump is now picking a fight with India, one of the fastest growing economies in the world whose Prime Minister, Modi,… pic.twitter.com/A0I7JNom6w
— Kirk Lubimov (@KirkLubimov) August 2, 2025
कनाडा के कारोबारी की चेतावनी
कनाडाई बिजनेसमैन और टेस्टबेड चेयरमैन किर्क लुबिमोव ने ट्रंप के भारत-विरोधी रुख को बड़ी गलती बताया है। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि ट्रंप की टैरिफ नीति में भू-राजनीतिक समझ की कमी है। भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैश्विक मंच पर एक सम्मानित नेता हैं। ऐसे में भारत से टकराव की बजाय अमेरिका को भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी करनी चाहिए थी।
भारत और रूस पर ट्रंप के तीखे हमले
ट्रंप ने भारत और रूस को सोशल मीडिया पर आड़े हाथों लिया और कहा कि ये दोनों देश अपनी ‘मरी हुई’ अर्थव्यवस्थाओं को साथ ले जा सकते हैं। उन्होंने भारत की व्यापार नीतियों को कठोर बताया और कहा कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है जिससे व्यापार घटा है।
अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर
ट्रंप की टैरिफ नीतियों का अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है। नौकरियों की रफ्तार कम हो गई है और महंगाई बढ़ रही है। विकास दर घट रही है और विशेषज्ञ इसे एक राजनीतिक जुआ मान रहे हैं। अगर ट्रंप मध्यम वर्ग की समृद्धि सुनिश्चित नहीं कर पाए तो उनके फैसले उनके खिलाफ जा सकते हैं।

